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आर्थ्रोस्कोपी की मदद से घुटने में दर्द की समस्या का होगा हल !

घुटने में दर्द की समस्या से व्यक्ति काफी परेशान रहता है। परेशानी हो भी क्यों न अगर कोई व्यक्ति सही तरीके से न चल पाए तो सभी परेशान होते है। इसके अलावा दूसरी परेशानी की बात करे तो वो है सर्जरी के दौरान चिड़े की, क्युकी बहुत से लोगों को सर्जरी से इतना डर नहीं लगता जितना वो चिड़े से डरते है।

पर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्युकि आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी में व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी और नामात्र चीड़-फाड़ की मदद से बेहतरीन सर्जन इस सर्जरी की मदद से इलाज करते है ;

क्या है घुटने की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी ?

  • आर्थ्रोस्कोपी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो अनुभवी डॉक्टरों को जोड़ों और आसपास के क्षेत्र की समस्याओं की जांच, निदान और उपचार करने की अनुमति देती है। 
  • घुटने की आर्थ्रोस्कोपी में, आर्थोपेडिक सर्जन बिना कोई बड़ा चीरा लगाए आपके घुटने के जोड़ को देख सकता है और विभिन्न घुटने की संयुक्त स्थितियों का निदान, उपचार और मरम्मत कर सकता है जो संयुक्त या गतिशीलता संबंधी कठिनाइयों का कारण हो सकती है।
  • आम तौर पर इस सर्जरी की बात करे तो ये कंधे, कूल्हे, कलाई, कोहनी और घुटने आदि के जोड़ पर की जाती है।

यदि उठने, बैठने और चलने, फिरने में आपको भी परेशानी होती है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का चयन करे।

क्या आर्थ्रोस्कोपी घुटने की सर्जरी दर्दनाक है ?

  • आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। क्योंकि इस सर्जरी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में पूरा किया जाता है।
  • इसके अलावा किसी भी तरह की सर्जरी में दर्द का होना एक आम बात है। ज्यादातर उस क्षेत्र में जहां आपको सर्जरी से पहले दर्द हुआ था, घुटने की टोपी के नीचे के नरम ऊतकों में, एथ्रोस्कोपी घावों पर और कभी-कभी पूरे घुटने पर असर छोड़ती है।

आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी को कैसे किया जाता है ?

  • इसमें रोगी के घुटने में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और उसमें आर्थ्रोस्कोप को डाल दिया जाता है।
  • जोड़ के अन्य भागों को देखने या अन्य उपकरणों को प्रत्यारोपित करने के लिए विभिन्न चीरों की आवश्यकता भी कई बार हो सकती है।
  • र्थ्रोस्कोप के अंत में, प्रकाश को फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है।
  • इसके अलावा इसमें एक मॉनिटर जोड़ के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
  • यदि आवश्यक हो, तो प्रारंभिक निदान प्रक्रिया के दौरान सुधारात्मक सर्जरी की जा सकती है।
  • इन सब प्रक्रिआओं के बाद चीरों को पट्टियों या ड्रेसिंग से ढका जा सकता है।

सुझाव :

यदि आपको भी घुटने में दर्द की समस्या है या आप भी चलने-फिरने में असमर्थ है तो ज्यादा नुकसान होने से पहले हुंजन हॉस्पिटल से आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन जरूर से करे। इसके अलावा बात करे इस हॉस्पिटल की तो यहाँ पर घुटने की सर्जरी के लिए एक बेहतरीन रोबोट मशीन भी है जिसकी मदद से सर्जरी को बहुत ही आसान तरीके से किया जाता है।

तो वही खास बात इस हॉस्पिटल की करे तो यहाँ के डॉक्टर, यानी की डॉ बलवंत सिंह हुंजन को घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी का काफी सालो का अनुभव भी है।

निष्कर्ष :

उपरोक्त बातो को ध्यान में रख के आप आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन करे और घुटने के दर्द की समस्या से खुद का बचाव करे। पर घुटने की सर्जरी के दौरान कोई भी स्टेप उठाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।    

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