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लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी क्या होती है और इसकी मदद से किन-किन समस्याओं का किया जाता है निदान ?

हुन्जुन हॉस्पिटल के अध्यक्ष और सह-संस्थापक डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि लंबर दीकम्प्रेशन एक ऐसी सर्जरी होती है जिसका उपयोग निचली रीढ़ की हड्डी में संपीड़न नसों के इलाज के लिए निर्वहन में किया जाता है | हालाँकि किसी व्यक्ति के काठ में संपीडन होना एक गंभीर स्थिति होती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को असहनीय दर्द और चलने-फिरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है | जिसके चलते स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा इस समस्या के इलाज के लिए लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी की सलाह की जाती है | आइये जानते है लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी किन-किन समस्याओं का निदान किया जाता है :- 

 

  • साइटिका एक ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को रीढ़ हड्डी के निचले हिस्से से होते निचे पैरों तक में तीव्र दर्द और झुनझुनी का अनुभव होने लग जाता है, जो एक या एक से अधिक नसों का प्रभावित कर सकते है | जब साइटिका की स्थिति गंभीर जाती है तब इसका इलाज लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी के माध्यम से किया जाता है |  
  • हर्नियेटेड डिस्क 
  • अपक्षयी डिस्क का होना 
  • रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में किसी नस का दबा होना, जिस कारण दर्द और झुनझुनी उत्पन्न होती है | 
  • स्पाइनल स्टेनोसिस, जिसमे रीढ़ की हड्डी में सिकुड़न की समस्या उत्पन्न हो जाती है | 

 

अब अगर बात करें की यह सर्जरी कितने प्रकार की होती है तो लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी दो प्रकार की होती है पहला है लामाइनक्टोमी और दूसरा है डिस्केक्टॉमी | लामाइनक्टोमी सर्जरी में सर्जन कशेरुका के पिछले भाग को हटा देता है ताकि आपके रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह का दबाव न पड़े | डिस्केक्टॉमी सर्जरी में सर्जन केशुरूका के बीच में मौजूद डिस्क के छोटे- से हिस्से को निकल देता है, ताकि रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह का दबाव न पड़े | 

 

यदि आप भी रीढ़ की हड्डी से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहे तो इसके इलाज में हुन्जुन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टंट  डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ऑर्थोपेडिक में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी सहायता कर सकते है | इसलिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल की वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |   

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी जा सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी | 

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साइटिका क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और कैसे करें इलाज ?

साइटिका एक ऐसी दर्दनाक स्थिति होती है, जो साइटिका तंत्रिका पर बार-बार दबाव पड़ने पर या फिर उसके नुक्सान पहुंचने से उत्पन्न होता है | यह तंत्रिका हमारे शरीर में पीठ के निचले हिस्से से शुरू हो कर पैरों में फैलता है | साइटिका का अर्थ है पैरों में दर्द, कमज़ोरी, सुन्नपन या फिर झझुनझुनि होना | साइटिका एक चिकित्सक लक्षण है, जो अपने आप कोई चिकित्सक स्थिति नहीं होता | आइये जानते है साइटिका के बारे में विस्तारपूरक से :- 

 

साइटिका क्या होता है ? 

साइटिका तब उत्पन्न होता है, जब आपके साइटिका तंत्रिका में लगी चोट या फिर जलन के कारण पैरों में दर्द होने लग जाता है | इसके अलावा पीठ या फिर नितंब में सुन्न और झुनझुनी भी हो सकती है, जो आपके पूरे पैरों तक फैलता है | साइटिका से जुड़े लक्षण गंभीर हो सकते है | हमारे शरीर में प्रत्येक दोनों तरफ साइटिका तंत्रिका मौजूद होती है, जो कूल्हे और नितंब से होकर गुजरती है | 

 

साइटिका को मेडिकल टर्म में लंबर रेडीकुलोपैथी के नाम भी जाना जाता है | साइटिका होने का अर्थ है की आपको साइटिका तंत्रिका से जुड़ी नसों में हल्का या फिर तीव्र दर्द हो सकता है | ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण को पीठ के निचले हिस्से, कूल्हे में, नितंबो या फिर पैरों के आसपास अनुभव किया जा सकता है | कुछ लक्षण ऐसे भी होते है, जो पैरों की उँगलियों तक फ़ैल सकते है, जो अलग-अलग तंत्रिकाओं पर निर्भर करता है | आइये जानते है साइटिका कितने प्रकार के होते है :- 

साइटिका कितने प्रकार के होते है ?

साइटिका दो प्रकार के होते है, लेकिन चाहे कोई भी प्रकार का साइटिका हो, इसके प्रभाव एक जैसे ही होता है, जिसमें शामिल है :- 

 

  • सच्चा साइटिका :- इस किसी स्थिति में अधिक दबाव पड़ने के कारण या फिर किसी कारणवश लगी चोट के कारण, इसका सीधा असर साइटिका के तंत्रिका पर पड़ता है |  

 

  • साइटिका जैसी स्थिति :- यह ऐसी स्थितियां होती है, जो बिल्कुल साइटिका की तरह लगती है, लेकिन यह साइटिका तंत्रिका या फिर इससे बनने वाले नसों से संबंधित कारणों से उत्पन्न होता है |    

 

आइये जानते है साइटिका के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :- 

 

साइटिका के मुख्य लक्षण 

साइटिका से जुड़े लक्षण निम्न लिखित है :- 

 

  • दर्द होना :- प्रभावित तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ने के कारण साइटिका का दर्द हो सकता है | यह दर्द हल्का से लेकर तीव्र भी हो सकता है | दर्द के दौरान जलन, चुभन या फिर सुई की तरह चुभने जैसा अनुभव भी हो सकता है | यह दर्द पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर नितंब और पैरों के पिछले हिस्से तक फैलता सकता है | 

 

  • सुन्नता या फिर कमज़ोरी होना :- साइटिका में पैर या फिर कूल्हे के किसी हिस्से में सुन्नता या फिर कमज़ोरी का अनुभव हो सकता है |

 

  • पैरों में झुनझुनी महसूस होना :- पैरों, पिंडलियों और पैर के तलवे में झुनझुनी का अनुभव हो सकता है | 

 

  • चलने समय दिक्कत होना :- साइटिका का दर्द बढ़ने की वजह से चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है | 

साइटिका के मुख्य कारण 

साइटिका होने के कई कारण हो सकते है, जिनमें शामिल है :- 

 

  • रीढ़ की हड्डी में में हेर्नियेटेड या स्पिल्ड़ डिस्क का होना 
  • पिरिफोर्मिस सिंड्रोम 
  • स्पाइनल स्टेनोसिस के कारण 
  • स्पोंडिलोलिस्थीसिस 
  • न्यूरिटिस 
  • आसन्न हड्डी होना 
  • ट्यूमर की समस्या 
  • गर्भावस्था 
  • आंतरिक रक्तस्राव होने आदि | 

 

साइटिका के कैसे पाएं निदान ? 

स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कई तरीकों के संयोजन का उपयोग करके साइटिका की समस्या का निदान कर सकता है |  सबसे पहले वह आपके पिछले चिकित्सा से जुड़े इतिहास के बारे में समीक्षा करेंगे और आपके लक्षणों के बारे में पूछ सकते है | कई तरह के परीक्षण साइटिका से निदान पाने के लिए और इस तरह के स्थिति को खारिज करने में मदद कर सकता है | साइटिका के उपचार आमतौर पर दर्द को कम करने के लिए और गतिशीलता को बढ़ाने में सहायक होते है | इसमें से कुछ उपचार ऐसे भी होते है, जो आप खुद से भी कर सकते है | 

 

यदि आप में से किसी को भी साइटिका और यह ठीक नहीं हो रहा है या फिर स्थिति गंभीर हो गयी है तो इलाज के लिए डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन से मिल सकते है | डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन पंजाब के बेहतरीन ऑर्थोपेडिक में से एक है, जो पिछले 32 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संपर्क कर सकते है |        

 

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जोड़ो के दर्द के इलाज के लिए पीआरपी इंजेक्शन लगवाने के क्या है फायदे ?

एक व्यक्ति को जोड़ों में दर्द कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है, जैसे की  अत्यधिक उपयोग करने से,किसी भी कारण वर्ष लगी गंभीर चोट या फिर गठिया की वजह से आदि | चाहे यह जोड़ों में होने वाला दर्द हल्का हो या फिर गंभीर, हर तरह से यह दर्द आपके रोज़मर्रा कामों में बाधा बन सकता है और आपके प्रतिक्रियाओं को भी सिमित कर सकता है | आइये जानते है जोड़ों में दर्द होने के मुख्य कारण क्या है :- 

जोड़ो में दर्द होने के मुख्य कारण :- 

 

  • आथ्रॉइटिस, जिसे गठिया भी कहा जाता है | 
  • खेल के दौरान चोट का लगना  
  • बर्साइटिस :- बार्स में उत्पन्न एक दर्दनाक सूजन होती है, यह तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है, जो ऊतकों के बीच घर्षण को कम करने का कार्य करती है |  
  • टेंडोनाइटिस :- टेंडन में उत्पन्न एक सूजन होती है, जो शरीर में मौजूद किसी भी टेंडन में हो सकता है | 
  • जोड़ों का अत्यधिक उपयोग करने से 
  • गाउट :- यह गठिया का एक प्रकार होता है, जब शरीर में अत्यधिक यूरिक एसिड जमा होने लग जाता है, तो इसे जोड़ों में सूजन आ जाती है |    

 

गठिया एक स्थिति है जिसमें यह आपके जोड़ों को सहारा देने वाले ऊतकों को नुक्सान पहुंचने का कार्य करते है, जिससे हड्डिया आपस में रगड़कर घर्षण और दर्द को उत्पन्न करती है | जिससे आपके जोड़ों में सूजन भी पैदा हो सकता है | लेकिन घबराएं नहीं, आज के दौर में विज्ञान ने इतनी उन्नत हासिल कर ली है और ऐसे लेटेस्ट उपकरणों और तकनीक को लांच किया है, जिसके जरिये शरीर के जोड़ो से जुडी कई तरह की समस्या का सटीकता से इलाज किया जा सकता है, उन्ही में से एक है पीआरपी इंजेक्शन | पीआरपी इंजेक्शन जोड़ों से संबंधित समस्याओं से पीड़त मरीज़ों के लिए एक आशाजनक रास्ता प्रदान करता है, जिसके माध्यम से जोड़ों में उत्पन्न दर्द का आसानी से इलाज किया जा सकता है | आइये जानते है पीआरपी इंजेक्शन के बारे में और इससे कौन-कौन फायदे प्राप्त हो सकते है :- 

 

पीआरपी इंजेक्शन क्या है ? 

 

जोड़ों के दर्द के लिए पीआरपी इंजेक्शन, प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा का उपचार है | जिसमें मरीज़ के खून में से प्लेटलेट को अलग करके एक गाढ़ा गोल बनाया जाता है, फिर इस गोल को दर्द हो रहे हिस्से में इंजेक्शन के जरिये इंजेक्ट कर दिया जाता है | पीआरपी इंजेक्शन की मदद से जोड़ो के दर्द से काफी राहत पाया जा सकता है और यह कार्य में सुधर लाने में भी मदद  करता है | यह उपचार गठिया, कूल्हे, घुटने और कंधे के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद होते है | आइये जानते है पीआरपी इंजेक्शन को लगवाने से कौन-कौन से लाभ प्राप्त हो सकते है :- 

 

पीआरपी इंजेक्शन लगवाने से कौन-कौन से लाभ प्राप्त हो सकते है ? 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन से जोड़ों में उत्पन्न सूजन, दर्द और अकड़न को कम किया जा सकता है | 

 

  • इससे जोड़ों में मौजूद चिकनाई को बढ़ावा मिलता है और जोड़ों से काम करना भी काफी बेहतर हो जाता है | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन क्षतिग्रस्त हुए ऊतकों के पुनर्निर्माण करने में मदद करता है | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन असर बड़ी तीव्रता से करता है और शरीर में प्राकृतिक तरीके से कोशियों को विकसित करता है |
  • पीआरपी इंजेक्शन में प्लेटलेट्स मौजूद होते है, जो रक्त में थक्के को बनाने का काम करता है और कोशिका प्रजनन को बढ़ाता है | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन के उपयोग से कठोर दवाओं का सेवन और ओपिओइड का प्रयोग कम हो जाता है | 

पीआरपी इंजेक्शन से जुड़े कुछ ज़रूरी बातें 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन में मरीज़ के खून का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इससे किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव या फिर अस्वीकृत होने का कोई भी खतरा नहीं होता | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन से जोड़ों के दर्द से आराम मिलने के साथ-साथ इससे उपास्थि भी मरम्मत हो जाती है | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन को लगाने के कुछ ही दिनों बाद जोड़ो का दर्द काफी हद तक काम हो जाता है और इससे गतिविधियां फिर से शुरू की जा सकती है | 

 

  • पीआरपी इंजेक्शन के पूरा उपचार की प्रक्रिया कम से कम तीन से छह महीना तक चल सकता है |

 

  • पीआरपी इंजेक्शन से पड़ने वाला सबसे आम दुष्प्रभाव है, इंजेक्शन वाले जगह पर दर्द और सूजन होना, जो आमतौर पर कुछ ही दिनों में चला जाता है |   

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति जोड़ों में हो रहे दर्द की समस्या से पीड़ित है पर स्थायी रूप से अपना इलाज करवाना चाहता है तो इसमें हुंजन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था में मौजूद प्रत्येक डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन ऑर्थोपेडिक्स में से एक है, जो पिछले 32 वर्षो से जोड़ो से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |

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डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन से जाने कैसे किया जाता है उनके हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्या का इलाज

हुन्जुन हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक इंटरव्यू वीडियो में डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने यह बताया कि हुन्जुन हॉस्पिटल पिछले 35 सालों से ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीज़ का इलाज कर रहा है और इस हॉस्पिटल को ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने के नाम से भी जाना जाता है, जहाँ हड्डियों से जुडी सभी समस्याओं का स्थायी और सटीक तरीकों से इलाज किया जाता है | हड्डियों और जोड़ों से जुडी किसी भी प्रकार ऑपरेशन उनके हॉस्पिटल में बड़े ही सटीक तरीकों से किया जाता है, जैसे की जॉइंट नी रिप्लेसमेंट, जो कंप्यूटर नेविगेशन के माध्यम से किया जाता है, कूल्हे को बदलवाना, सोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जरी और भी कई ऐसे सफलतापूवर्क सर्जरी किये जाते है, जिसके परिणाम भी काफी बेहतरीन होते है |   

 

डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने यह भी बताया की इसके ;अलावा उनके हॉस्पिटल में अर्थरोस्कोपी थेरेपी भी की जाती है, जिससे कीहोल सर्जरी के नाम से भी जाता है, इसके माध्यम से भी घुटनों के जुड़ी समस्याओं का सफलतापूवर्क सर्जरी किया जाता है | इस फील्ड में अब उनका बेटे डॉक्टर जयवीर सिंह ने उनका साथ देना शुरू कर दिया है, डॉक्टर जयवीर सिंह ने तीन साल ऑर्थोस्कोपी में स्पेशल ट्रेनिंग ली है और अब वह भी ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं का सटीक इलाज और सफलतापूवर्क सर्जरी कर रहे है | 

 

इसके अलावा उनके हॉस्पिटल में रीढ़ की हड्डी से जुडी समस्याओं का सफलतापूवर्क भी इलाज किया जाता है | इसके साथ ही वह मरीज़ों का इलाज के लिए लेटेस्ट उपकरण और नए तकनीकों के उपयोग से करते है, ताकि मरीज़ को उचित उपचार और समस्या का सटीक इलाज प्राप्त हो सके | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है, इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति हड्डियों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहा है और सटीक इलाज करवाना चाहता है तो इसके लिए आप हुन्जुन हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सभी डॉक्टर ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

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4 Orthopaedic Health Problems Which You Thought Were Normal

Do you know even if we are facing a minor headache, our body is trying to tell us something through it? But, people nowadays are considering serious orthopaedic issues as general health issues.

In this post, we will talk about some of the most faced orthopaedic health problems, which are considered generic problems by the people of India. Orthopaedic Surgeon in India usually faces such an issue where they would have to educate their patients about their problem and how serious it can get if not treated.

Let us discuss all those health problems and check if you are facing them.

4 Orthopaedic Health Problems Which You Thought Were Normal

Are you someone who faces lower back pain frequently? If you said yes, we would like to tell you that this is an orthopaedic problem you are facing.

And the worst part is most people are not doing anything to cure it; instead, they are taking pain relievers that do not solve the problem but minimize the pain for a few hours.

Let us discuss all such orthopaedic health problems that were considered normal:

1- Knee Pain:

Generally, knee pain is faced by bodybuilders and athletes or by someone who overuses their knees. But anyone can be affected by knee pain issues, and patients need physical therapy or surgeries in severe cases of knee pain.

If you are facing even a minor issue linked with knee pain, then get in touch with Orthopaedic Hospital in Ludhiana to get treated as early as possible.

2- Lower Back Pain:

Lower back pain is one such issue that is faced by each and everybody with a long-sitting job. And instead of solving the actual reason behind this problem, we start using painkillers, which worsens our overall condition.

If you are facing lower back pain because of no or less physical activity, you should start working out or going for walks. This will surely help.

3- Hamstring Injuries:

A hamstring injury is faced by people who do strenuous physical activities daily and face tears in one of their hamstrings. When we talk about the cure for this issue, one should go for physical therapy as early as possible for better recovery.

4- Arthritis:

Arthritis is the swelling of one or more joints; in such a condition, most people cannot walk, and it’s extremely painful. Arthritis is also hereditary, so if your parents have this issue, there is a high chance that you will have to face this issue as well.

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Benefits of Physical Therapy After Orthopaedic Surgery

Every time someone goes for an orthopedic surgery, you will notice reduced mobility in their body. If we look at the older treatment methods under orthopedic surgeries, the recovery time used to be extensive, but nowadays, the surgeries have become more efficient and reduced complications.

Also, physical therapy has been added to the list after orthopedic Surgery.

Still, most people believe that physical therapy is not essential. If you also think the same, this post is for you, as here we will help you understand the benefits of physical therapy.

How Physical Therapy Helps After Orthopaedic Surgery?

There are several ways physiotherapy helps a person after orthopedic Surgery, let us have a look at some of them:

The first and most significant reason physical therapy is prescribed to a patient after their orthopedic Surgery is to enhance the person’s mobility. With the help of physical therapy, the person can move their body more effortlessly and live an everyday life easily.

Every time someone goes for orthopedic Surgery, they face many pain-related issues. So the second reason that makes physical therapy important after orthopedic Surgery is it helps with pain management issues.

Following all the movements made during physiotherapy could eliminate any development linked with blood clots. However, it is said that if you sit or keep your body in one position for a long time, blood clots usually form, and in severe cases, it can lead to blockage issues.

Most people are unaware of this fact, but because of the trauma of the Surgery, your tissues and muscles weaken. Hence if you want to strengthen them back, then physiotherapy is important.

Even if the patient thinks he is completely fine and doesn’t want to go for physiotherapy, they should also look for therapy, as their body would be able to get more strength to do the work.

With the help of physiotherapy, the patient could get more confidence about his body and movements. Hence if you are someone whose Surgery is completely cured, but you cannot walk or do movements properly then physical therapy is the right option for you.

Do we need Physical Therapy after every Orthopaedic Surgery?

Physical therapy is suggested after almost every Orthopaedic Surgery because with the help of physiotherapy, you can get the motion of your body back, and it also helps with pain relief.

Let us have a look at the list of orthopedic surgeries after which you need physical therapy:

Shoulder Replacement Surgery
Hip or Knee Joint Replacement Surgery
Spinal Surgery
Ankle or Elbow Reconstruction
Rotator Cuff Repairs

There are many more such orthopedic surgeries after which physical therapy is essential.

Conclusion:

If you are looking for the best Orthopaedic hospital in Ludhiana, then Hunjan Hospital is the best option, as they have the best Orthopaedic Surgeon in India

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Tendinitis: Causes, Symptoms, Diagnose and Treatment Options

Our body has a complex arrangement of muscles and tissues that helps us in doing daily activities. It is important that these stay in good health to ensure proper functioning of the body. If you have any problem with the tissues causing pain in joints, contact the best ortho hospital in Ludhiana. The tendon is one such tissue that helps us move our limbs. It connects muscles to bone. When these tendons are inflamed, it is known as Tendonitis or Tendinitis. 

Tendinitis

Tendinitis is a condition which is caused when tendons are inflamed or irritated. Tendons are strong cord-like tissues that help connect different muscles to joints. This can happen in any part of the body, meaning tendonitis can develop in any tendon. Generally, it affects the shoulder, elbow, wrist and knee. There are different ortho problems that seem normal but are not and should be examined by the doctor.

Causes of Tendinitis

As tendons help move our joints, making the same movement over and over again can cause them to inflame, resulting in Tendinitis. It commonly happens while playing a sport or work in which you have to make or use the same movement repeatedly. In such a case, you should consult the best ortho doctor in India and have your condition examined. Other causes include:

  • Making the same movement repeatedly with incorrect form or posture.
  • Aging
  • Underlying medical issues such as diabetes or rheumatoid arthritis
  • Certain antibiotics
  • Injury

Symptoms of Tendinitis

Its symptoms include:

  • Dull or severe pain in the affected area
  • Stiffness makes it difficult to move the affected area
  • Tenderness
  • Swelling

Diagnosis of Tendinitis

If you feel any of the above-mentioned symptoms, consult a good ortho doctor. To check if you have Tendinitis, the doctor will perform a physical examination. If the condition is found serious, they may recommend medical tests as well. 

In a physical examination, your mobility and range of motion will be examined. The best ortho doctor in India will inquire about your past injuries, sports activities, medical conditions, and drug consumption. Information about this can help them understand the cause of tendonitis. It can also be some other problems, such as pain in the shoulder, which could be because of the immobilization of the shoulder

If the doctor is unable to diagnose the problem using physical examination, you will have to give additional tests such as X-rays, MRI scans and Ultrasounds. 

Treatment Options

There are methods you can use to treat this condition, such as home remedies and medical treatments. If your pain is minor and not serious, simple home remedies should do the work. If these home remedies do not provide relief within a few days after rest, you need to consult the best ortho hospital in Ludhiana. Follow these home treatment options to ease the pain:

  • Take adequate rest; if it is a minor issue, a proper rest can fix it. 
  • Use a compression bandage. It helps reduce swelling.
  • Apply ice or eat.
  • Perform stretching exercises that help increase and improve mobility.
  • Eat medications or painkillers. Make sure not to consume any medicine without a proper prescription from an authentic doctor. 

 

Besides this, if these issues do not help solve the problem, you need to consult with your doctor and opt for a more stronger solution. For severe condition, the doctor may recommend using a splints or cane for support, physical therapy, corticosteroid injections or inflammatory tissue removal surgery. 

Conclusion

Tendinitis can happen in any tendon and affects your heel, wrist, shoulder, elbow or knee. It can cause huge pain, tenderness, swelling and restriction of movement. Tendinitis can be diagnosed by physical examination by the best ortho doctor in India, and may require medical intervention if the condition is serious. You can get relief from the problem by getting the right treatment from Hunjab Hospital, the best ortho hospital.

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How Can You Find the Best Orthopaedic Surgeon For Your Children

Children are known to be filled with energy. Their activities are known to be seldom concerning. It also brings our focus on the injuries they suffer while indulging in some activities. The best Child Bone Specialist In Ludhiana knows how harmful these injuries can get. Still, these injuries are part and parcel in life, especially childhood.

Parents want the best things for their children. Especially when their kids are taking part in athletics and sports. Hence, they can always consult the best Orthopedic Specialist In Ludhiana as a precaution. These people have treated many bone problems in adults and kids in their vast careers, making them well-experienced and knowledgeable in these problems.

What are the things one needs to make sure of while looking for an orthopedic surgeon?

  1. Search for the hospital or surgeon’s credibility: It will help you find if the surgeon has the credibility, experience, and certification to treat various bone problems in kids. The hospital’s credibility and certification can also be found to ensure it is trustworthy.
  2. Communication Style: You should be able to communicate freely with the surgeon. The surgeon should be capable enough to convey your problems and their various solutions. He should not make you rush for the treatment badly. 
  3. Surveys and Reviews: You should analyze the surveys and reviews from the patients in a hospital to check whether it is good for your child and bring the best results.
  4. Latest Technologies: You need to ensure that the hospital you go to for the treatment is technologically advanced and can get you the best possible results aiding better healing.
  5. Insurance: Paying bills for your child’s treatment is not an easy task. If your treatment in a hospital can get covered under insurance, that will be beneficial. Hence, make sure insurance features are also available in the hospitals. 

Distinguish factors that make Pediatric Orthopaedic care the best option for kids.

  1. Pediatric surgeons can easily explain the procedures and treatment to parents and children.
  2. Imaging also lowers the dosage of children.
  3. You can get faster diagnosis and treatment plans in walk-in clinics.
  4. These clinics can also provide your kids with innovative therapies that can substitute the usage of medicines.

Some other factors to remember while choosing a suitable hospital/clinic

  • Consolidated Care: A good clinic diagnoses, treats, and provides follow-up care altogether. This setup also decreases the recovery time for the patients, resulting in faster healing.
  • Low Infection Rates: You should consider the track record to choose a suitable hospital for your child’s treatment. You can get the track record and the treatment history from the clinic. You can also save money and time if the hospital/clinic has an outpatient department, which also decreases the chances of infection.
  • Continuing Pediatric Training: The best surgeons keep themselves updated with new technologies and knowledge they can use for treatments. It will be helpful in the patient’s healing process.

Hence, if your child gets injured or fractures any of his bones, you can consult the best orthopedic doctors for better treatment and optimum healing.

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घुटनों में दर्द होने पर किस तरह के उपाय को अपनाना आपके लिए सहायक होगा ?

घुटनों का दर्द एक आम और परेशान करने वाली समस्या हो सकती है, जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। चाहे यह चोट, गठिया या अत्यधिक उपयोग के कारण हो, सक्रिय और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए राहत पाना आवश्यक है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम कुछ सरल उपायों के बारे में जानेंगे जो घुटने के दर्द को कम करने में आपकी काफी मदद करेंगे ;

घुटनों में दर्द होने पर कौन-से उपाय है मददगार ?

आराम : 

घुटने के दर्द का अनुभव होने पर आप जो सबसे तत्काल कदम उठा सकते है, उनमें से एक है अपने घुटने को थोड़ा आराम देना। प्रभावित घुटने पर बहुत अधिक वजन डालने से बचें और दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियों से बचें। आराम आपके घुटने को ठीक होने में मदद करता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                              बर्फ : 

अपने घुटने पर बर्फ लगाने से सूजन को कम करने और क्षेत्र को सुन्न करने में मदद मिल सकती है, जिससे दर्द से राहत मिल सकती है। आइस पैक का उपयोग करें या कपड़े में बर्फ लपेटें और इसे दिन में कई बार 15 से 20 मिनट के लिए अपने घुटने पर लगाएं।

संपीड़न : 

घुटने में ब्रेस या पट्टी पहनने से आपके घुटने के जोड़ को सहारा मिल सकता है, दर्द कम हो सकता है और आगे की चोट को रोका जा सकता है। संपीड़न भी सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। अगर घुटने में दर्द की समस्या ज्यादा बढ़ जाए और स्थिति सर्जरी की आ जाए तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में बेस्ट आर्थोपेडिक सर्जरी का चयन करना चाहिए। पर डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

ऊंचाई : 

जब भी संभव हो अपने पैर को ऊपर उठाने से सूजन को कम करने और प्रभावित क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद मिल सकती है। बैठते या लेटते समय अपने पैर को सहारा देने के लिए तकिए या कुशन का प्रयोग करें।

दवाएं : 

इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं घुटने के दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी हो सकती हैं। अनुशंसित खुराक का पालन करें और यदि आपको कोई चिंता हो तो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।

भौतिक चिकित्सा : 

एक भौतिक चिकित्सक आपकी विशिष्ट स्थिति के अनुरूप व्यायाम और स्ट्रेच प्रदान कर सकता है। ये व्यायाम आपके घुटने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों की स्थिरता में सुधार करने में मदद कर सकते है।

वजन प्रबंधन : 

घुटनों पर तनाव कम करने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अतिरिक्त वजन घुटने के दर्द को बढ़ा सकता है, इसलिए उन अतिरिक्त पाउंड को कम करने के लिए आहार में बदलाव करने और नियमित व्यायाम को शामिल करने पर विचार करें।

उचित जूते पहने : 

सहायक और आरामदायक जूते पहनने से आपके शरीर के वजन को समान रूप से वितरित करने और आपके घुटनों पर तनाव कम करने में मदद मिल सकती है। अपर्याप्त आर्च सपोर्ट वाले ऊँची एड़ी और जूतों से बचें।

हॉट पैक : 

आइस पैक के अलावा, हॉट पैक भी रक्त प्रवाह को बढ़ाकर और मांसपेशियों को आराम देकर राहत प्रदान कर सकते है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए बर्फ और ताप चिकित्सा के बीच वैकल्पिक प्रयोग करें।

कम प्रभाव वाले व्यायाम करें : 

तैराकी, साइकिल चलाना या हल्के योग जैसे कम प्रभाव वाले व्यायामों में शामिल होने से आपके जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डाले बिना घुटने के लचीलेपन और ताकत को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

जलयोजन : 

जोड़ों के समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है। पानी जोड़ों को चिकनाई देने और उनके कार्य को बनाए रखने में मदद करता है।

उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों से बचें : 

ऐसी गतिविधियों से दूर रहें जिनमें कूदना या दिशा में अचानक बदलाव शामिल हो, क्योंकि इससे घुटने का दर्द बढ़ सकता है। इसके बजाय, ऐसी गतिविधियाँ चुनें जो आपके जोड़ों के लिए कोमल हों।

उचित तकनीक : 

यदि आप ऐसे खेल या गतिविधियों में संलग्न हैं, जिनमें दोहराव वाली गतिविधियां शामिल है, तो सुनिश्चित करें कि आप चोट के जोखिम को कम करने के लिए उचित तकनीक और उपकरण का उपयोग करें।

विशेषज्ञ से परामर्श लें : 

यदि इन उपायों को आजमाने के बावजूद आपके घुटने का दर्द बना रहता है या बिगड़ जाता है, तो किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या लुधियाना में बेस्ट आर्थोपेडिक सर्जन से परामर्श लें। क्युकि वे अधिक सटीक निदान प्रदान कर सकते है और यदि आवश्यक हो तो इंजेक्शन या सर्जरी जैसे अतिरिक्त उपचार की सिफारिश भी आप कर सकते है।

घुटनों में दर्द के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

अगर आप घुटने में दर्द की समस्या से परेशान है, तो इससे बचाव के लिए आपको हुंजन हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। पर ध्यान रहें डॉक्टर के पास जाना भी तभी सफल होगा जब आप सुचारु रूप से अपने सेहत को लेकर खुद जागरूक होंगे और साथ ही उपरोक्त जिन उपायों का वर्णन किया है उनको भी अपनाए। 

निष्कर्ष :

घुटने के दर्द को काबू में पाने के लिए आराम, स्व-देखभाल उपायों और, कुछ मामलों में, पेशेवर मार्गदर्शन के संयोजन की आवश्यकता होती है। इन सरल उपायों का पालन करके, आप घुटने के दर्द को कम करने और अपने जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते है। 

याद रखें कि अपने घुटने के स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अपने शरीर की बात सुनना और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सीय सलाह लेना आवश्यक है।

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Knee Pain orthopaedic

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We know how it feels to have to suffer from body aches. Living with it is painful all of the time everyday. It restricts the mobility of the body and prevents you from doing a lot of the things that you love.

Orthopedics

Orthopaedics treats the various diseases related to bone structures of the body like knee, joint pain etc. It focuses on prevention, corrections and treatment of these conditions.

Orthopaedics includes treating deformities of bones, joints, muscles, tendons and ligaments etc. in a non-invasive way. 

Chronic Knee Pain

Chronic knee pain is one of the major problems people around the world face. Knee pain can occur due to many reasons. It can be the result of an injury causing ligaments to rupture and tearing of cartilage. It can also be due to arthritis and gout or even infection.

Chronic knee pain is the constant, long term pain and sensitivity of the knee joints. It is also sometimes coupled with swelling in the knee area. 

If you or anyone you know is suffering from knee pain for a prolonged period and might require a knee replacement surgery, then you can consult any good specialist in your area. Orthopaedists use minimally invasive operative procedure and care. The scar resulting from the operation is small and is not too prominent.

The equipment used in the surgery are of high standard, ultra-modern and are properly cleaned and disinfected after every surgery.   

The implants and grafts used in the orthopaedic surgery are of high quality giving the recipient a better life ahead of them. 

Spine related issues

With ageing comes many problems, which also include back aches. This can even be due to improper body mechanics, structural abnormalities and trauma or injury in the spine that can lead to issues like chronic pain at the back. 

Spine surgery is the operations done for the treatment of spinal ailments. These procedures are performed usually by Orthopaedic surgeons who specialise in spine surgery.

The disease spectrum can include conditions which are

  • Congenital (defects from birth like scoliosis)
  • Infective (tuberculosis, Pyogenic etc.) 
  • Developmental (deformities like scoliosis etc.)
  • Inflammatory (Rheumatoid arthritis)
  • Tumours ( benign or cancers) 
  • Trauma (injury leading to damage and loss of stability)

This can be often resolved with spine surgery wherein the surgeon fixes the problems found at the back. So, all the spinal issues leading to back pain and other symptoms that cannot be resolved with non-surgical procedures need to be fixed with spine surgery. 

If you need of getting a spine surgery due to any conditions related to spine deformities, then you can find Best Spine Surgeon in Ludhiana, the surgeons provide the best treatment using high level of expertise combined with the best practices and up and coming knowledge in the field to provide the patients with the world class treatment facilities. 

Many people are ignorant towards their orthopaedic conditions, They delay seeing an orthopaedic doctor, which leads to them suffering from the pain and inconvenience the conditions cause.  

Many times these conditions can be treated with medications and physical therapy but the delay in seeing a specialist can cause permanent damage which needs to be fixed with a surgery. 

CONCLUSION

If you or anybody you know might be suffering from any conditions related to orthopaedia, please visit a good orthopaedist at the earliest, you don’t want your condition to get worse and you inevitably need an operation. If you need to see a reputed orthopaedist then it would be best if you visit Hunjan Hospital. Their teams of experts use their years of experience in the field combined with the best medical practices to deliver the best orthopaedic treatment and care.