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भारत में किफायती दामों में करवाए घुटने की सर्जरी !

घुटने में दर्द की समस्या का होना व्यक्ति के लिए काफी परेशानी खड़ी करता है। इसलिए समय पर इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा घुटने में दर्द की समस्या को ख़त्म करने के लिए घुटने के रिप्लेसमेंट सर्जरी की लागत क्या लगती है और इसको कैसे करवाया जाता है, इसके बारे में हम चर्चा करेंगे ;

घुटना बदलने की सर्जरी का क्या है पूरा खर्चा ?

  • भारत में घुटने की प्रतिस्थापन बेहतर गुणवत्ता का है और इसकी लागत दुनिया में सबसे कम है। भारत के अस्पतालों में डॉक्टरों और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और सुविधाओं का अनुभव है जो आपको एक संतोषजनक घुटने के प्रतिस्थापन के साथ प्रदान करेगा। भारत में लागत प्रभावी उपचार के कारण, दुनिया भर के लोग यहां अपना इलाज करवाते हैं। 
  • भारत में, लोगों को अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ता। इसके बजाय, जब भी उन्हें ज़रूरत हो, वे अपनी सर्जरी करवा सकते हैं। व्यक्तिगत देखभाल, कुशल सर्जरी, स्वच्छ अस्पताल और छिपे हुए शुल्क और मध्यस्थों की कमी अन्य महत्वपूर्ण कारक हैं जो दुनिया भर के रोगियों को भारत में चिकित्सा उपचार के लिए आकर्षित करते हैं।
  • भारत में घुटने सर्जरी की बात करें तो घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी की औसत लागत आमतौर पर ₹1.5 लाख से ₹2.3 लाख के बीच होती है।
  • इस उपचार के दौरान रोगी को लगभग 5 दिनों के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है और पैकेज में चिकित्सा परीक्षण, सर्जरी शुल्क, प्रत्यारोपण लागत, कमरे का किराया और दवाएं भी शामिल हैं।

क्या है घुटना बदलने की सर्जरी ?

  • घुटना प्रत्यारोपण एक ऐसी सर्जरी है जो घुटने के जोड़ के क्षतिग्रस्त, या खराब हो चुके या रोगग्रस्त हिस्सों को हटा देती है और इसे एक कृत्रिम घुटने के जोड़ से बदल देती है जो धातु, प्लास्टिक या सिरेमिक घटकों से बनी होती है। इस प्रक्रिया के नाम के विपरीत, ऑर्थोपेडिक सर्जन घुटने के प्रतिस्थापन के दौरान पूरे घुटने के जोड़ को नहीं बदलता।
  • नी रिप्लेसमेंट सर्जरी या रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी के बाद घुटने कम-से-कम 10 से 15 साल तक चलते हैं और यदि आप संतुलित आहार और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो 20 साल या उससे अधिक समय तक घुटने आराम से चल सकते हैं। 
  • घुटने की सर्जरी को घुटने के आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति को पुराने घुटने के दर्द और जकड़न से राहत दिलवाती है और उन्हें बेहतर महसूस करने और घुटने के दर्द के बिना शारीरिक रूप से सक्रिय रहने में भी मदद करती है।
  • नी रिप्लेसमेंट के बाद, आपको घुटने के नए जोड़ में हल्का दर्द और अकड़न हो सकती है। फिर भी, दवाएं और फिजियोथेरेपी जो अक्सर सर्जरी के एक दिन बाद शुरू होती हैं, उसे आपको नियमित रूप से प्रयोग में लेना है। 

सुझाव :

खर्चा कितना आता है घुटने की सर्जरी को बदलने में ये तो आपने उपरोक्त जान ही लिया है। इसके अलावा उपरोक्त लागत को ध्यान में रखते हुए ही आप अपने घुटने की सर्जरी का चयन किसी अच्छे हॉस्पिटल से करें। या फिर आप इस सर्जरी को किफायती दाम में हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है।  

 

 

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आर्थ्रोस्कोपी की मदद से घुटने में दर्द की समस्या का होगा हल !

घुटने में दर्द की समस्या से व्यक्ति काफी परेशान रहता है। परेशानी हो भी क्यों न अगर कोई व्यक्ति सही तरीके से न चल पाए तो सभी परेशान होते है। इसके अलावा दूसरी परेशानी की बात करे तो वो है सर्जरी के दौरान चिड़े की, क्युकी बहुत से लोगों को सर्जरी से इतना डर नहीं लगता जितना वो चिड़े से डरते है।

पर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्युकि आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी में व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी और नामात्र चीड़-फाड़ की मदद से बेहतरीन सर्जन इस सर्जरी की मदद से इलाज करते है ;

क्या है घुटने की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी ?

  • आर्थ्रोस्कोपी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो अनुभवी डॉक्टरों को जोड़ों और आसपास के क्षेत्र की समस्याओं की जांच, निदान और उपचार करने की अनुमति देती है। 
  • घुटने की आर्थ्रोस्कोपी में, आर्थोपेडिक सर्जन बिना कोई बड़ा चीरा लगाए आपके घुटने के जोड़ को देख सकता है और विभिन्न घुटने की संयुक्त स्थितियों का निदान, उपचार और मरम्मत कर सकता है जो संयुक्त या गतिशीलता संबंधी कठिनाइयों का कारण हो सकती है।
  • आम तौर पर इस सर्जरी की बात करे तो ये कंधे, कूल्हे, कलाई, कोहनी और घुटने आदि के जोड़ पर की जाती है।

यदि उठने, बैठने और चलने, फिरने में आपको भी परेशानी होती है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का चयन करे।

क्या आर्थ्रोस्कोपी घुटने की सर्जरी दर्दनाक है ?

  • आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। क्योंकि इस सर्जरी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में पूरा किया जाता है।
  • इसके अलावा किसी भी तरह की सर्जरी में दर्द का होना एक आम बात है। ज्यादातर उस क्षेत्र में जहां आपको सर्जरी से पहले दर्द हुआ था, घुटने की टोपी के नीचे के नरम ऊतकों में, एथ्रोस्कोपी घावों पर और कभी-कभी पूरे घुटने पर असर छोड़ती है।

आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी को कैसे किया जाता है ?

  • इसमें रोगी के घुटने में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और उसमें आर्थ्रोस्कोप को डाल दिया जाता है।
  • जोड़ के अन्य भागों को देखने या अन्य उपकरणों को प्रत्यारोपित करने के लिए विभिन्न चीरों की आवश्यकता भी कई बार हो सकती है।
  • र्थ्रोस्कोप के अंत में, प्रकाश को फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है।
  • इसके अलावा इसमें एक मॉनिटर जोड़ के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
  • यदि आवश्यक हो, तो प्रारंभिक निदान प्रक्रिया के दौरान सुधारात्मक सर्जरी की जा सकती है।
  • इन सब प्रक्रिआओं के बाद चीरों को पट्टियों या ड्रेसिंग से ढका जा सकता है।

सुझाव :

यदि आपको भी घुटने में दर्द की समस्या है या आप भी चलने-फिरने में असमर्थ है तो ज्यादा नुकसान होने से पहले हुंजन हॉस्पिटल से आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन जरूर से करे। इसके अलावा बात करे इस हॉस्पिटल की तो यहाँ पर घुटने की सर्जरी के लिए एक बेहतरीन रोबोट मशीन भी है जिसकी मदद से सर्जरी को बहुत ही आसान तरीके से किया जाता है।

तो वही खास बात इस हॉस्पिटल की करे तो यहाँ के डॉक्टर, यानी की डॉ बलवंत सिंह हुंजन को घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी का काफी सालो का अनुभव भी है।

निष्कर्ष :

उपरोक्त बातो को ध्यान में रख के आप आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन करे और घुटने के दर्द की समस्या से खुद का बचाव करे। पर घुटने की सर्जरी के दौरान कोई भी स्टेप उठाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।    

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भारत में आर्थोस्कोपिक और घुटना सर्जरी की मदद से जोड़ो के दर्द से पाए निजात !

घुटने के दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर बन चुकी है ये समस्या बजुर्गो पर ज्यादा गहन असर डालती है। तो वही एक उम्र के बाद इस समस्या को सभी झेलते जरूर से है। वही आज के इस लेख में हम बात करेंगे की घुटने के दर्द से कैसे निजात पा सकते है इसके अलावा आर्थोस्कोपिक या घुटना सर्जरी क्या है, इसके बारे में भी हम बात करेंगे ;

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या को हम निम्न में प्रस्तुत करेंगे ;

  • ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है।

  • इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो सकती है।

आर्थोस्कोपिक क्या है ?

ये भी जोड़ो में चोट लगने से जुडी हुई समस्या है, जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • यदि आपके जोड़ में सूजन है, जोड़ में चोट लगी है, या समय के साथ जोड़ क्षतिग्रस्त हो गया है, तो आपके डॉक्टर आपको आर्थोस्कोपिक करवाने की सलाह दे सकता है। इसके अलावा यदि आपके जोड़ो में परेशानी है तो आप किसी भी जोड़ पर आर्थ्रोस्कोपी करवा सकते हैं।

  • तो वही ये प्रक्रिया अधिकतर, घुटने, कंधे, कोहनी, टखने, कूल्हे, या कलाई पर किया जाता है।

यदि आप भी आर्थोस्कोपिक और घुटने की सर्जरी करवाना चाहते है तो हुंजन हॉस्पिटल से जल्द संपर्क करे।

घुटना सर्जरी क्या है ?

घुटना सर्जरी घुटने में दर्द से आराम मिल सके वो सर्जरी है, जिसका विवरण हम निम्न करेंगे ;

  • इस प्रक्रिया में पहले हड्डी के रोगग्रस्त व क्षतिग्रस्त हिस्से को पूरी तरह से हटाया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर धातु या उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक अवयव के द्वारा जोड़ों की सामान्य गतिविधियों के लायक आकार का निर्माण कर उन्हें प्रतिस्थापित करना शामिल है। इसी सर्जरी के दौरान घुटनों की दूसरी विकृतियों को भी दूर कर दिया जाता है।

  • इसके बाद सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है। फिर डॉक्टर के द्वारा जोड़ में कृत्रिम अंग लगाया जाता है। घुटने का कृत्रिम अंग मेटल और प्लास्टिक से बना होता है।

  • इन सब के बाद जो चीरा लगाया जाता है, उसको टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। इस ही प्रक्रिया को घुटना सर्जरी के नाम से जाना जाता है।

यदि आप भी घुटने के दर्द से निजात पाना चाहते है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का जल्द चयन करे।

घुटने की सर्जरी के बाद आपको अपना ध्यान कैसे रखना है ?

  • इस सर्जरी के बाद आप पहले महीने गतिशील कार्यो को करने में सक्षम होंगे।

  • इस सर्जरी के दूसरे महीने में गतिविधियों जैसे तैराकी, बाइकिंग और फिर से लंबी सैर शुरू करने की अनुमति दी जाती है।

  • इस सर्जरी के तीसरे महीने में आप शायद कुछ उच्चप्रभाव वाली शारीरिक गतिविधियों जैसे दौड़ना या अन्य गतिविधियों में वापस आ सकेंगे।

निष्कर्ष :

घुटने का दर्द काफी खतरनाक दर्द माना जाता है इसलिए अगर इनमे हल्की सी भी परेशानी आपको दिखे तो फौरन डॉक्टर का चयन करे। और इस समस्या से खुद को बाहर निकाले।

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हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत होगी कम, नया इलाज लेकर आया चमत्कार

हड्डी के टूटने या टूटने के बाद इसकी मरम्मत के लिए प्लास्टर का इस्तेमाल अभी तक आम था। लेकिन अब एक नया और चमत्कारिक इलाज उपलब्ध हो गया है जिसके बारे में हम इस लेख में चर्चा करेंगे। हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत अब कम हो सकती है, क्योंकि एक नया चमत्कारिक इलाज आया है जो हड्डी की गुट्ठी और मरोड़ से स्वतः ठीक होने की क्षमता रखता है। यह नया इलाज विशेषज्ञ हड्डियों के डॉक्टर और रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी के रूप में जाना जाता है। यह तकनीक अत्यंत सुरक्षित, तेजी से और पूर्णतः नवीनतम तकनीकी प्रगति है जो हड्डी के इलाज में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाई है।

हड्डी रोगों के डॉक्टर: नवीनतम तकनीक का परिचय

यह नया इलाज डॉक्टर और रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी द्वारा प्रदान किया जाता है। यह तकनीक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अभिज्ञापक रूप से अपनाई जाती है और यह उच्चतम स्तर की प्रेसीजन और नियंत्रण के साथ काम करती है। इसका उपयोग विभिन्न हड्डी रोगों और चोटों के इलाज में किया जा सकता है।

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी: विस्तार से जानें

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी एक प्राकृतिक और इंटूइटिव तकनीक है जो अत्यधिक सूक्ष्मता और नियंत्रण के साथ काम करती है। इस तकनीक में, एक रोबोटिक आर्म की मदद से चिकित्सक एक चीज बदलते हैं, जो इंसानी हाथ से अधिक संगत और सुरक्षित होती है। यह सर्जरी नये हड्डी का निर्माण करने और टूटी हुई हड्डी को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसका फायदा यह है कि यह सर्जरी सामान्य प्लास्टर के मुकाबले अधिक प्राकृतिक और सुखद होती है।

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी के लाभ

यह नवीनतम तकनीक हड्डी के इलाज में कई लाभ प्रदान करती है। प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

  1. अधिक सूक्ष्म और सटीक हड्डी मरम्मत का तरीका
  2. सर्जरी का कम समय और आरामदायक रिकवरी काल
  3. ज्यादा उच्चतम स्तर का सुरक्षा और नियंत्रण
  4. परंपरागत प्लास्टर की तुलना में अधिक प्राकृतिक और सुखद अनुभव
  5. सर्जरी के बाद अधिक दक्षिण और स्वतंत्रता की संभावना

हड्डी रोगों के डॉक्टर: विशेषज्ञों की सलाह

हड्डियों के इलाज में नवीनतम तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप बेस्ट डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको सबसे अच्छा सलाह और इलाज प्रदान करेंगे।

संक्षेपण:

रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी एक चमत्कारिक और नवीनतम तकनीक है जो हड्डी के इलाज में एक बदलाव लाई है। यह तकनीक प्लास्टर की जरूरत को कम करती है और पेशेंट को तेजी से और पूर्णतः नवीनतम तकनीकी प्रगति के साथ मरम्मत करने की सुविधा प्रदान करती है। अगर आपको हड्डी समस्या है तो बेस्ट डॉक्टर से सलाह लें और उचित इलाज प्राप्त करें। हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत को कम करने के लिए, चमत्कारी नया इलाज लेकर आए है Hunjan Hospital वह अपने नवाचारी इलाज पद्धतियों के माध्यम से हड्डी के लिए विशेष औषधियों का प्रयोग करते हैं, जो चमत्कारिक परिणाम देने की संभावना प्रदान करती हैं। आपकी स्वास्थ्य और सुख के लिए आपकी मरम्मत के लिए नवीनतम और सुरक्षित तकनीकों का उपयोग करें।

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Recognizing Indicators You May Require a Knee Replacement

Living with knee pain can be crippling and incredibly influence your quality of life. If you’re encountering tenacious knee pain or versatility issues, it’s essential to recognize the indicators that might point toward the requirement for a knee replacement.

In this article, we will investigate the signs that might demonstrate the requirement for a knee replacement and the significance of counseling an accomplished orthopedic surgeon in India. Whether you’re in Bangalore or Ludhiana, understanding these indicators can assist you with making an informed decision about your orthopedic health.

  1. Chronic Knee Pain:

One of the most well-known signs that you might require a knee replacement is chronic knee pain that endures over an extended period. This pain can range from mild inconvenience to serious and weakening. It frequently disrupts day-to-day exercises, like walking, climbing steps, or even getting out of a seat.

If you’re finding it hard to deal with your knee pain with moderate treatments like medication, exercise-based therapy, or lifestyle changes, it might be an ideal time to counsel a specialist, like an orthopedic surgeon or knee specialist in Bangalore or Ludhiana.

  1. Limited Range of Motion:

If you’re encountering a limited range of motion in your knee joint, it might be an indication of moderate joint harm. Trouble completely expanding or flexing your knee or a sensation of firmness, may demonstrate the requirement for a knee replacement. A careful assessment by an orthopedic specialist can assist with deciding the level of the damage and whether a knee replacement is vital.

  1. Swelling and Inflammation:

Determined swelling and inflammation around the knee joint can be characteristic of an underlying issue. If moderate treatments fail to cure these symptoms, looking for medical attention is significant. A knee replacement might be prescribed to address the underlying reason and give help with the swelling and inflammation.

  1. Chronic Knee Instability:

If your knee feels shaky or gives way regularly, it can seriously influence your portability and general quality of life. Instability often emerges from tendon harm or serious joint inflammation, which can make day-to-day activities challenging and maximize the risk of falls. A knee replacement surgery can assist with re-establishing security and work on your capacity to move easily and certainly.

  1. Reduced Quality of Life:

When knee pain and limited portability begin to influence your general quality of life, now is the ideal time to think about a knee replacement. If your knee pain is restricting you from taking part in activities you once enjoyed, like games, exercise, or even basic tasks like planting or playing with your kids or grandkids, investigating treatment choices, including knee replacement surgery is essential.

Conclusion:

Recognizing the indicators that might require a knee replacement is vital for people encountering chronic knee pain, limited portability, swelling, instability, and reduced quality of life.

Whether you’re in Bangalore or Ludhiana, looking for the advice of a certified orthopedic specialist or knee specialist can give significant experiences and direction. Knee Replacement in Ludhiana offers renewed mobility and improved quality of life for individuals seeking relief from knee pain.

At Hunjan Hospital, we are dedicated to providing exceptional orthopedic care, to help individuals recover pain-free mobility and improve their overall well-being.

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Joints orthopaedic doctor

किन गलत आदतों ने घुटने को बदलने पर किया मजबूर ?

गलत खानपान की वजह से हड़िया कमजोर हो जाती है, जिसके कारण घुटने में दर्द व अन्य समस्या निकल कर सामने आती है। इसके इलावा घुटने में दर्द की समस्या की बात करे तो ये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा अपना शिकार बना रही है। इसके इलावा बच्चो में भी ये समस्या निकल कर सामने आ रही है, इनमे ये समस्या क्यों आती है, या घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए हमे किन बातो का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • घुटने में दर्द की स्थिति तब उत्पन होती है, जब घुटने में चोट, यांत्रिक समस्या और गठिया हो। चोट के कारण घुटने में अत्यधिक दर्द होता है। जिस कारण कई बार घुटने को बदलवाने की स्थिति भी उत्पन हो जाती है।

  • इसके इलावा गलत खानपान व गलत ढंग से बैठने की वजह से भी इसमें दर्द की स्थिति पैदा हो जाती है।

  • अत्यधिक मोटापा भी नुकसानदायक है।

  • घुटने में दर्द की समस्या घुटने की आर्थराइटिस शारीरिक विकलांगता के प्रमुख कारण में शामिल है

घुटने में दर्द की समस्या किस कमी की वजह से होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए हमे निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए ;

  • विटामिन डी महत्वपूर्ण स्त्रोत है, हमारे शरीर व घुटनो के लिए इसलिए आपको घुटने में दर्द की समस्या है तो भरपूर धूप व विटामिन डी से भरपूर भोजन का जरूर से सेवन करे।

  • ज्यादा फ़ास्ट फ़ूड खाने से भी हमारे घुटनो में दर्द की समस्या हो जाती है। इसलिए जितना हो सके संतुलित आहार व हरी सब्जियों का खाने में इस्तेमाल करे।

  • यदि आप इन बातो को ध्यान में नहीं रखते तो आपको नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने की जरूरत पड़ती है।

घुटने में दर्द से बचाव के लिए कौन से तरीके है सहायक ?

अनुभवी डॉक्टरों का कहना है कि घुटने में दर्द से निजात पाने के लिए व्यक्ति को खुद से ही सुचारु होना चाहिए। इसके इलावा कौन से तरीके असरदार है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • पैर मोड़ कर नहीं बैठना चाहिए। क्युकि ऐसे पोस्चर में बैठने से घुटने घिसने लगते है, जिस कारण कुछ ही दिनों में घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

  • दूसरा ज्यादा खड़े होकर करने वाले काम को न करे।

  • जितना कम हो सके उतना अपने घुटने से काम ले।

  • भारतीय शौचालयों का बहुत कम ही इस्तेमाल करे।

  • घुटने की एक्सरसाइज करे। और मौसमी फलों व दूध दही को आहार में शामिल करे।

घुटने में दर्द की समस्या की शुरुआत किस उम्र से होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या की शुरुआत की बात करे, तो महिलाओं में इसकी शुरुआत 50 की उम्र से शुरू होती है। तो वही पुरुषो में 60 की उम्र से घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

सुझाव :

यदि घुटने के दर्द ने आपका चलना फिरना मुश्किल कर रखा है, तो हुंजन हॉस्पिटल से आपको नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी को करवा लेना चाहिए। क्युकि काफी लोगो ने इस सर्जरी का चुनाव करके घुटने के दर्द से निजात पाया है

निष्कर्ष :

घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए आपको उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखना है और घुटने में दर्द की समस्या होने पर किसी भी तरह के ट्रीटमेंट की शुरुआत खुद से नहीं करनी है।

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हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात पाने के जानें, चमत्कार तरीके ?

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसका सामना तक़रीबन हर उम्र के लोग कर रहे है। इस दर्द की वजह से कई बार लोगों का चलना, खड़े होना काफी मुश्किल हो जाता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करेंगे की कैसे हम इस दर्द से आसानी से निजात पा सकते है।

ऑर्थोपेडिक्स कौन होते है ?

ऑर्थोपेडिक्स कौन है, इनके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • ऑर्थोपेडिक्स में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति को ऑर्थोपेडिस्ट यानी हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं, जैसे कि स्पोर्ट इंजरी, जोड़ों में दर्द और गठिया का इलाज करने के लिए सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरीकों का उपयोग करते हैं।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • बता दे की हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या के अनेक कारण है, जैसे कि चोट, संक्रमण या बीमारी के कारण जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। जोड़ों में दर्द होने पर आपका चलना, फिरना, उठना, बैठना या दैनिक जीवन के कामों को करना मुश्किल हो सकता है।
  • वही विटामिन डी की कमी से भी हड्डियों और जोड़ो में दर्द में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

आपको भी अगर हड्डियों और जोड़ों के दर्द ने अपनी मुठी में कस कर रखा है, तो बिना देर किए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी को करवाए और इसके दर्द से निजात पाए।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द से निजात पाने के तरीके क्या है ?

 

इसके तरीके निम्नलिखित है ;

  • एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल आप कर सकते है क्युकि इसमें मैग्नेशियम होता है। जो कि सूजन की समस्या से निजात दिलवाता है।
  • आप मेथी दाना भी इसके उपचार में इस्तेमाल कर सकते है। बस आपको करना ये है कि आपको मेथी दाना रात भर भिगो देना है और सुबह इसके पानी को पी जाना है, और इसके दाने का पेस्ट बना कर अपने दर्द वाली जगह पर आपको लगाना है।
  • जोड़ों का दर्द होने पर आपको लहसुन के तेल से मालिश करना चाहिए। और इसको बनाने के तरीके की बात करे तो इसमें आपको 3 से 4 लहसुन की कलियां लेनी है और सरसो के तेल में डाल कर उसको हल्का भूरा होने तक गर्म करना है। फिर हल्के हाथो से दर्द वाली जगह पर लगाना है।
  • हल्दी भी काफी सहायक है, हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात दिलवाने में। इसको बनाने के तरीके की अगर बात करे। तो आपको एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी, ग्राइंड किया हुआ अदरक, एक चुटकी काली मिर्च और स्वाद के हिसाब से आप शहद मिला सकते है।
  • जैतून का तेल जोड़ो के दर्द से निजात दिलवाता है, बस आपको दिन में दो बार जैतून के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करना है।

यदि आपको जल्दी दर्द से राहत चाहिए, तो उपरोक्त बातो के साथ हुंजन हॉस्पिटल से सर्जरी करवाने के बारे में भी सोच सकते हो।

निष्कर्ष :

दर्द कोई भी हो चाहे वो जोड़ों से जुड़ा हुआ हो या सम्पूर्ण शरीर का दर्द हो, इससे निजात सभी पाना चाहते है। क्युकि बाद में ये छोटा सा दर्द खतरनाक दर्द की जगह को ले लेता है। इसलिए समय रहते इस दर्द से निजात पाने की कोशिश करे और उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखे।

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घुटने के ऑपरेशन के तरीके को अपनाकर आप भी पाए इसके दर्द से आराम !

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है, हम इसके बारे में आज के लेखन में बात करेंगे और साथ ही ये बात भी करेंगे कि हम इससे निजात कैसे पा सकते है। क्युकि घुटने का दर्द बहुत ही दर्दनाक और असहनीय होता है।

घुटने की सर्जरी क्या है ?

घुटने की सर्जरी वह सर्जरी है, जिसको करवाने के बाद आप इसके दर्द से निजात पा सकते है। इसके इलावा घुटने की सर्जरी और क्या है, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे;

  • नी रिप्लेसमेंट, जिसे टोटल नी रिप्लेसमेंट या नी आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है, एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन हड्डियों की क्षतिग्रस्त सतहों को बदल देते हैं। जो एक कृत्रिम सामग्री या इम्प्लांट के साथ घुटने के जोड़ को बनाते हैं। 
  • यह गठिया, आघात या चोट के मामलों में घुटने के कार्य में भी सुधार कर सकता है। घुटने की सर्जरी में जिस इम्प्लांट का उपयोग किया जाता है, वो जोड़ मुख्य रूप से धातु मिश्र धातु, उच्च ग्रेड प्लास्टिक और पॉलिमर से बना होता है। 

यदि आप घुटने के दर्द से परेशान है और घुटने की सर्जरी को करवाना चाहते है, तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का उपचार जरूर करवाए।

घुटने की सर्जरी के प्रकार क्या है ?

घुटने की सर्जरी मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है ;

  • कुल घुटने के प्रतिस्थापन ऑपरेशन, में आपकी जांघ की हड्डी (फीमर) के अंत में संयुक्त सतह और आपकी पिंडली की हड्डी (टिबिया) के शीर्ष पर संयुक्त सतह को बदलना शामिल है।
  • एकल-विभागीय घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी में यदि गठिया आपके घुटने के केवल एक तरफ को प्रभावित करता है, तो आमतौर पर भीतरी तरफ का आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन संभव हो सकता है।
  • नीकैप रिप्लेसमेंट प्रतिस्थापन में केवल घुटने की टोपी की निचली सतह और उसके खांचे (ट्रोक्लीअ) को बदलना शामिल है।
  • जटिल या पुनरीक्षण घुटना बदलने वाली सर्जरी, की जरूरत तब होती है। जब आपका गठिया बहुत गंभीर है।

घुटने की सर्जरी से पहले क्या किया जाता है ?

घुटने की सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री को जरूर देखते है।

  • इस सर्जरी के आठ घंटे पहले मरीज़ का खाना बंद कर दिया जाता है। 
  • शारीरिक परीक्षण करना जिसमे ब्लड टेस्ट और एक्सरे शामिल होते है। 
  • ऑपरेशन से पहले मरीज़ का शरीर अनुकूल रहे, इसके लिए डॉक्टर व्यायाम करने की सलाह देते है।  

घुटने की सर्जरी कैसे की जाती है ?

घुटने की सर्जरी को डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है ;

  • मरीज को एंट्रावेनिय्स लाइन को लगाना ताकि मरीज को मुश्किल ना हो।
  • इसके बाद त्वचा या घुटने के स्किन को शेव करना। 
  • फिर घुटने की सर्ज़री को करने से पहले व्यक्ति को दर्द न हो, इसके लिए मरीज को एनेस्थीसिया की दवाई दी जाती है। 
  • इसके बाद डॉक्टर घुटने के सामने वाले हिस्से पर कट लगाते है। 
  • इसमें जोड़ के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है। 
  • जब घुटने के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है, तो उसके बाद कृत्रिम जोड़ आर्टिफीसियल इम्प्लांट का प्रत्यारोपण किया जाता है।

आप भी घुटने के दर्द से परेशान है तो जल्दी ही इसका उपचार करवाए या आप इसका उपचार हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

यदि घुटने के दर्द की वजह से आपका चलना फिरना मुश्किल हो रहा है, तो इस दर्द में रहने से अच्छा है कि आप समय पर इसकी सर्जरी का चुनाव करे।

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गठिया या घुटने में लगे चोट से निजात दिलवाने में कैसे सहायक है घुटना सर्जरी ?

घुटने का दर्द क्या है ?

घुटने का दर्द बढ़ती उम्र के साथ उत्पन होने वाली एक समस्या है। जिसका सामना एक उम्र को क्रॉस करने के बाद सबको करना पड़ता है। घुटने का दर्द क्या है इसके बारे में और बातें हम इस पूर्ण लेखन में करेंगे ;

  • बता दे कि जब घुटने में दर्द होता है तो इसके कारण बर्साइटिस, गाउट, टेंडनाइटीस या आर्थराइटिस जैसी कई गंभीर बीमारी होती है। ऐसी में घरेलू उपायों का भी लोगों पर कोई फायदा नहीं होता। 
  • तो वहीं इस स्थिति में घुटने के दर्द से निजात दिलवाने के लिए डॉक्टर इलाज के रूप में दवाइया, तेल या सर्जरी का उपयोग भी करते हैं।
  • इसके इलावा यदि आपके गठिया में दर्द है तो ये भी आपके जोड़ो के दर्द या घुटने के दर्द की श्रेणी में शामिल होगा। 

घुटने में दर्द के क्या कारण है ?

घुटने में दर्द के निम्नलिखित कारण है जिम्मेदार, जैसे ; 

  • आर्थराइटिस। 
  • बर्साइटिस। 
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस। 
  • गाउट। 
  • हड्डियों का कैंसर। 
  • हडियो का कमजोर होना। 
  • पैर मोड़कर लंबे समय तक बैठना। 
  • मोटापा के कारण घुटने पर प्रेशर का पड़ना। 
  • खेल कूद के दौरान घुटने में चोट का लगना। 
  • काम के दौरान घुटने पर अधिक बल पड़ना भी इसके कारण में शामिल है। 

घुटने की सर्जरी करवाने से पहले किन बातों का रखे ध्यान ?

घुटने की सर्जरी करवाने से पहले यदि आप निम्न कुछ बातो को ध्यान में रखे तो आपको इस सर्जरी को करवाने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा ;

  • डॉक्टरों के द्वारा आपका मेडिकल टेस्ट होगा। 
  • यदि आपको किसी दवा, लेटेक्स, टेप और एनेस्थेटिक चीजों से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें। 
  • अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं और हर्बल सप्लीमेंट्स के बारे में सूचित करें जो आप ले रहे हैं।
  • यदि आप गर्भवती हैं या संदेह है कि आप गर्भवती हैं, तो आपको अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
  • आपको प्रक्रिया से आठ घंटे पहले, आम तौर पर आधी रात के बाद खाने को कुछ नहीं दिया जाएगा।

यदि आप घुटने के दर्द से काफी परेशान है, तो बिना समय गवाए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी को अपनाए।

घुटने की सर्जरी कैसे की जाती है ?

घुटने की सर्जरी को डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है, जैसे ;

  • सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है।
  • डॉक्टर घुटने के जोड़ की क्षतिग्रस्त सतहों को हटाकर उस जगह पर बनावटी अंग लगाते है। ताकि मरीज़ को आराम मिल सके। 
  • आपको बता दे कि घुटने का बनावटी अंग मेटल और प्लास्टिक दोनो से बना होता है। 
  • तो वही चीरे को टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। फिर तरल पदार्थ को निकालने के लिए चीरा स्थल में एक नली रखी जाती है। इसके बाद हिस्से को पट्टी से बांध दिया जाता।

सुझाव :

 यदि आप घुटने के दर्द से हमेशा के लिए निजात पाना चाहते है तो ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए हुंजन हॉस्पिटल से अपनी इस परेशानी का इलाज करवाए। ताकि आपको चलने,फिरने या घूमने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

निष्कर्ष :

उपरोक्त घुटना सर्जरी की बातों को जानने के बाद यदि आप भी अपने घुटने की सर्जरी करवाने के बारे में सोच रहे है तो ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए किसी अच्छे हॉस्पिटल का चुनाव करे ताकि आपकी परेशानी का हल हो सके।

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जोड़ों का दर्द: कारण, प्रकार, उपाय, सर्जरी

जोड़ों का दर्द: कारण, प्रकार, उपाय, सर्जरी

जोड़ो का दर्द क्या है ?

जोड़ो के दर्द से निजात पाने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी हैं कि ये दर्द हैं क्या ?

 मांसपेशियों के कमजोर होने और शरीर में कैल्शियम की कमी होने और हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने पर सूजन हो जाती है. इससे जोड़ों के टिश्यू नष्ट होने लगते हैं, जिससे जोड़ों में अकड़न और दर्द की शुरुआत हो जाती है.

  • शरीर के वो हिस्से जहाँ दो या दो से अधिक हड्डियां मिलकर हमारे शरीर की गतिविधयों को बनाए रखने में सहायक होती हैं। उसी को हम जॉइंट्स या जोड़ कहते है।
  • तो वही एक इंसान के शरीर में कई जॉइंट्स होते है और जब इन जोड़ में दर्द या बेचैनी होने लगती है, तो उसे ही हम जोड़ों का दर्द या (जॉइंट्स पेन) कहते है। कई बार ये दर्द कुछ ही समय में ठीक हो जाता है। पर कभी-कभी यह दर्द असहनीय हो सकता है।

जोड़ो के दर्द के प्रकार हैं ?

जोड़ो के दर्द के प्रकार को हम निम्न प्रस्तुत करेंगे..,

  • जोड़ो का दर्द मुख्यतः आर्थराइटिस की वजह से होता हैं, और आर्थराइटिस को हम गठिया भी कहते हैं।
  • यानि की गठिया या जोड़ो का दर्द दो तरीके के होते हैं, पहला ऑस्टियोआर्थराइटिस और दूसरा रुमेटीइड एस्थिराइटिस।

जोड़ो के दर्द के कारण क्या हैं ?

जोड़ो के दर्द के कई कारण माने जाते हैं, जिनमे से कुछ कारणों को हम निम्नलिखित में प्रस्तुत कर रहें हैं..,

  • मोच या खिंचाव।
  • ऑस्टिओआर्थरिटिस या गठिया की समस्या जो उम्र के साथ लोगों को काफी प्रभावित करती है।
  • काफी बार पुरानी दुर्घटनाओं में लगी चोट भी समस्या का कारण बन सकती है।
  • कमज़ोर हड्डियां भी कारण होती हैं।
  • जोड़ो में इन्फेक्शन का होना।

जोड़ो के दर्द के कारणों को जानने के बाद यदि आप दर्द से हमेशा के लिए निजात पाना चाहते हैं। तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी का चयन किसी बेहतरीन हॉस्पिटल से करें।

जोड़ो के दर्द से बचने के उपाए क्या हैं ?

जोड़ो के दर्द से बचने के काफी उपाए को हम निम्न में प्रस्तुत कर रहे हैं..,

  • जोड़ों के दर्द से बचने के लिए अपने वजन को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है, क्यूंकि जब हमारा वज़न अधिक होता है तब हमारे जोड़ों पर ज़रुरत से ज़्यादा दबाव पड़ता है जिस वजह से जॉइंट्स समय से पहले खराब होने लग जाती है।
  • जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हमे अपने खान-पान में पौष्टिक आहार को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। दूध, विटामिन इ, और ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना हमारी हड्डियों और जोड़ों के लिए काफी लाभदायक है।
  • खाने का तो हमे खास ध्यान रखना ही हैं पर उसके साथ ही नियमित व्यायाम को भी अपनी जीवन शैली में शामिल करना चाहिए। जिससे की जोड़ो के दर्द से हमें आराम मिल सकें।
  • दर्द से निदान के लिए आप गरम या ठंडी सिकाई का उपयोग भी कर सकते है। क्युकि गरम सिकाई करने से खून संचार बेहतर होता है जबकि ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन से हम आराम महसूस करते हैं।

निष्कर्ष :

यदि आपको जोड़ो के दर्द ने काफी परेशान कर रखा हैं तो बिना समय गवाए इसके लिए किस बेहतरीन हॉस्पिटल का चुनाव करें या आप हुंजन हॉस्पिटल का चयन भी कर सकते है। अपने घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए। बता दे की यदि आप घुटने का इलाज करवाने इस हॉस्पिटल में आए तो यहाँ के अनुभवी डॉक्टर, डॉ बलवंत सिंह हुंजन से जरूर मुलाकात करें।