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हड्डियां और मांसपेशियों के कमज़ोर होने के मुख्य कारण क्या है ?

किस भी व्यक्ति के लिए पूरे जीवन में समग्र स्वास्थ्य और गतिशीलता बनाये रखने के लिए मजबूत हड्डियां और मांसपेशियों का होना अनिवार्य होता है | हालांकि, विभिन्न कारक इन महत्वपूर्ण संरचनायों को कमज़ोर करने में योगदान देती है | आइये जानते है हड्डियां और मांसपेशियों के कमज़ोर होने के मुख्य कारण कौन-से है :- 

हड्डियां के कमज़ोर होने के मुख्य कारण 

 

  • उम्र का बढ़ना :- हड्डियां कमज़ोर होने के सबसे आम कारण है बढ़ती उम्र | जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ने लग जाती है, उनकी हड्डियों में घनत्व कम होने लग जाता है | जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जो विशेष रूप से हड्डियों को कमज़ोर करने काम करते है, जिसके परिणामस्वरूप हड्डियों में फ्रैक्चर होने का जोखिम कारक बढ़ जाता है | 

 

  • पोषण की कमी होना :- आज के दौर में लोगों के खानपान में इतने बदलाव आ गए है कि उन्हें पूर्ण रूप से पोषण प्राप्त नहीं हो पता | हड्डियों से जुड़ी स्वास्थ्य में अपनी भूमिका निभाने वाले पोषक तत्व कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त रूप से सेवन करना बेहद ज़रूरी होता है | इन पोषण तत्वों की कमी होने पर शरीर के हड्डियां कमज़ोर हो सकती है | 

 

  • हार्मोनल परिवर्तन होना :- शरीर में मौजूद हार्मोन्स हड्डियां को प्रभावित कर सकते है | महिलाओं में रजोनिवृत्ति के दौरान हुए एस्ट्रोजन के स्तर पर गिरावट, हड्डियों को तेज़ी से नुक्सान पहुंचने का कार्य करते है और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने पर ये हड्डियों के घन्तव की कमी होने कारण बन सकते है | 

 

  • शारीरिक प्रतिक्रिया :- मांसपेशियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां, एक गतिहीन जीवनशैली के कारण हड्डियां को कमज़ोर कर सकती है | इसलिए हड्डियों को मज़बूत बनाने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करना ज़रूरी होता है |    

 

  • दवाएं के सेवन से :- कुछ दवाओं ऐसे भी होती है, जिसका लम्बे समय तक सेवन करने से हड्डियां कमज़ोर होने लग जाती है, क्योंकि यह दवाएं कैल्शियम अवशोषण और हड्डी के पुनर्निर्माणित में खलल बनने का काम करती है | 

 

  • धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करना :- धूम्रपान और अनियमित रूप से शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन करने से हड्डियां कमज़ोर हो सकती है | 

 

मांसपेशियों के कमज़ोर होने के मुख्य कारण 

 

  • उम्र के साथ शरीर में मौजूद मांसपेशियों का कमज़ोर होना स्वाभाविक है, इस स्थिति को सरकोपेनिया के रूप से भी जाना जाता है | 
  • न्यूनतम शारीरिक गतिविधि के साथ-साथ एक गतिहीन जीवनशैली मांसपेशी को कमज़ोर कर सकती है | 
  • शरीर में लगी गंभीर चोट की वजह से मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती है, जैसे की फ्रैक्चर या फिर संयुक्त अव्ययस्था, जो अनुप्रोयोजित शोष का कारण बनती है |   
  • कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थितियां होती है, जो मांसपेशियों को कमज़ोर करने का कार्य करती है | 
  • कुछ गंभीर बीमारियों की वजह से उत्पन्न स्थितियों के कारण भी मासपेशियां कमज़ोर होने लग जाती है |    

हड्डियां और मांसपेशिओं को कमज़ोर होने से ऐसे रोकें ?   

 

संपूर्ण स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए और जटिलताओं को रोकने के लिए हड्डियों और मांसपेशियों को कमज़ोर होने से रोकना बेहद महत्वपूर्ण होता है | कुछ रणनीतियां है, जिसके माध्यम से आप हड्डियां और मांसपेशिओं को कमज़ोर होने से रोक सकते है, जिमें शामिल है :- 

 

  • हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर भोजन आहार को अपनी डाइट में शामिल करें | जैसे की दूध से बने उत्पाद और अन्य हरी सब्ज़ियां आदि | 

 

  • नियमित रूप से व्यायाम करने से आप हड्डियां और मांसपेशियों को मज़बूत बना सकते है, जैसे की पैदल चलना, जॉगिंग करना आदि | 

 

  • धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन बिलकुल न करें |  

 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति ऐसी ही किसी परेशानी से जूझ रहे है और इलाज करवाना चाहते है तो इसमें हुंजन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या का इलाज कर, इससे छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |

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विटामिन से कमी होने से आंखों की रौशनी के कमी के साथ-साथ हड्डियों में भी होने लगता है दर्द, ऐसे बढ़ाएं इन्टेक

विटामिन बी12 शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्व होता है, जो हड्डियों से लेकर ब्रेन और इम्यून सीसैटेम के लिए बेहद  ज़रूरी तत्व माना जाता है | इसलिए जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है तो इससे ऑर्गन्स और इन सिस्टम्स पर बहुत हो बुरा असर पड़ता है | हुंजन हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन ने यह बताया की आमतौर पर यह देखा गया है की शरीर और स्वाथ्य के लिए ज़रूरी होने के बावजूद भी लोगों में विटामिन बी12 की कमी होने मामले  सबसे अधिक पाए जाते है | इस आंकड़े यह पता चलता है की लोगों को विटामिन बी12 के सही खुराक के बारे में अभी तक सही जानकारी प्राप्त नहीं हुई है | आइये जानते है विटामिन बी12 की कमी होने के मुख्य लक्षण क्या है :-   

विटामिन बी12 की कमी होने के मुख्य लक्षण 

 

  • एनीमिया और कमज़ोरी होना :- विटामिन बी12 शरीर में रक्त कणिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने का काम करती है | इसलिए जब शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो जाती है तो इससे प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आने लग जाती है, जो एनीमिया जैसी स्थिति को उत्पन्न करने का कार्य करता है | 

 

  • कमज़ोर हड्डियां :- शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने से हड्डियां कमज़ोर होने लग जाती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या उत्पन्न होने का जिखिक कारक बढ़ जाता है | 

 

  • आंखों की रौशनी का कमज़ोर होना :- जब शरीर में विटामिन बी12 कमी हो जाती है तो इससे ऑप्टिक नर्व को भी काफी नुक्सान पहुंचने लग जाता है | जिस वजह से आंखों की दृष्टि में धुँधलापन आ जाता है और साफ-साफ़ देखने में काफी परेशानी होती है |  

 

  • त्वचा से जुड़ी समस्या का उत्पन्न होना :- शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने के कारण त्वचा से जुड़ी कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जैसे की ड्राई स्किन, हाइपरपिगमेंटेशन, विटिलिगो और स्किन में बार-बार खुजली महसूस होना आदि शामिल है |    

 

विटामिन बी12 की कमी होने पर कौन-से भोजन का सेवन करना चाहिए ?      

 

  • सी-फूड्स जैसे की साल्मन मछली 
  • अंडा और पोल्ट्री से बने पदार्थ  
  • चिकन 
  • दूध, दही, चीज़ और पनीर 
  • पालक, चुकंदर और मशरूम आदि 

यदि आप को भी हड्डियों में दर्द और साफ-साफ़ दिखने में परेशानी हो रही है या फिर ऊपर बताये गए किसी भी लक्षण से गुजर रहे है तो इसका मतलब यह है की आपको विटामिन बी12 की कमी हो गयी है | इसलिए समय रहते डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं, क्योंकि इलाज में देरी होने पर यह स्थिति को गंभीर कर सकते है |

 

इलाज के लिए आप हुंजन हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 32 वर्षों से ओर्थपेडीक से जुडी समस्या से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |     

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घुटनों में दर्द होने के प्रमुख लक्षण, कारण और कैसे पाएं निदान ?

बढ़ती उम्र के साथ-साथ एक व्यक्ति के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना सामन्य-सी बात होती है, लेकिन इसकी वजह से व्यक्तियों को कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है | आज के दौर में लोगों के खानपान में इतने बदलाव आ गए है की उन्हें पर्याप्त रूप से पोषक तत्व नहीं मिला पता है, जो आगे जाकर कमज़ोर हड्डियां होने का कारण बन जाता है | हड्डियों के  कमज़ोर होने के कारण, यह कई शरीर के कई जोड़ों में कई तरह के समस्याओं को उत्पन्न कर देता है, जिनमें से एक है घुटनों का दर्द | इन्ही कारणों से आज कल के बच्चों को भी कई तरह के गंभीर बिमारियों से गुजरना पड़ जाता है | आज के दौर में घुटनों का दर्द इतना आम हो गया है की यह अब किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है | लेकिन खुशी की बात यह की अब घुटनों के दर्द का सटीकता से इलाज किया जा सकता है | कुछ घरेलु उपचार की मदद से घुटनों के दर्द को कम किया जा सकता है | इस घरेलु उपचार को जांनने से पहले आइये जान लेते है घुटनों में दर्द के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-  

घुटनों में दर्द के प्रमुख लक्षण क्या है ?  

 

  • घुटनो को मोड़ने में परेशानी होना 
  • घुटनों को सीधा करने में तकलीफ होना
  • घुटनों के आस-पास क्षेत्र में सूजन होना 
  • ज्यादा समय तक खड़े रहने में तकलीफ होना 
  • पैरों को हिलाते समय घुटनों की हड्डियों का आपस में टकराने की आवाज़ आना 
  • दर्द वाले क्षेत्र का लाल हो जाना या फिर छूने पर गर्म-गर्म का एहसास होना 

 

 

घुटनों में दर्द के प्रमुख कारण क्या है ?

 

घुटनों में दर्द होने के कई कारण हो सकते है, क्योंकि कई मामलों में घुटनों का दर्द थोड़े समय के लिए रहता है और कई मामलों में यह लंबे समय तक के लिए भी रह सकता है | कई तरह की बिमारियों से भी ये घुटनों के दर्द का कारण बन सकती है, आइये जानते है :- 

 

  • जब एक व्यक्ति अपने घुटनों का सामान्य मात्रा से भी अधिक इस्तेमाल करता है, तो इस वजह से उस व्यक्ति को बर्साइटीस की समस्या से गुजरना पड़ जाता है | 

 

  • यदि किन्हीं कारणों से घुटने की हड्डी टूट गयी है या फिर अपनी जगह से अस्थिर हो गयी है तो इससे डिस्लोकेशन  की समस्या हो जाती है | डिस्लोकेशन होने पर डॉक्टर प्लास्टर को लगाने की सलाह देता है | 

 

  • जब व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य रूप से भी काफी बढ़ जाती है तो इससे गाउट की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जो घुटनों में दर्द होने का कारण बनता है |

 

  • घुटनों की संरचना में किसी भी तरह के बदलाव आने के कारण ओस्टेओआर्थ्रिस्टिस की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिस कारण पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ जाता है | 

 

  • आर्थराइटिस की शुरुआत घुटनों के सूजन से होती है, जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति के घुटनों में काफी लंबे समय तक सूजन और दर्द की समस्या रहती है , जो कुछ ही दिनों बाद घुटनो की हड्डियों का विकार बढ़ाने लग जाता है और जिससे यह धीर-धीरे कमज़ोर होने लग जाती है | 

घुटनों में दर्द के लिए घरेलू उपचार 

 

  • लाल मिर्च का करें इस्तेमाल :- घुटनों के दर्द से निदान के लिए आप लाल मिर्च का उपयोग कर सकते है | इसके लिए सबसे पहले दो चम्मच लाल मिर्च को आधा कप जैतून तेल में मिलाकर, इससे अच्छे से गर्म कर लें | फिर थोड़ी देर बाद इस मिश्रण में बी वैक्स डालकर, इससे लगातार चलते रहे और पकने के 10 मिनट बाद गैस स्टोव को बंद कर दें | ठंडा होने पर इस लेप को घुटनों के प्रभावित क्षेत्र में लगा लें | लाल मिर्च एनाल्जेसिक के गुणों से भरपूर होता है, जो प्राकृतिक रूप से दर्द को कम करने में मदद करता है | 

     

  • हल्दी है घुटनों के दर्द के लिए फायदेमंद :- सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी को मिलकर इस पेय सेवन करें | हल्दी को एक बेहतर औषधि के रूप से जाना जाता है, जिसके दिन में दो बार सेवन करने से घुटनों के दर्द से राहत मिल सकती है |  

 

  • सेब के सिरका का करें सेवन :- सेब का सिरका एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुणों से भरपूर होता है, जो सूजन और दर्द को कम करने का कार्य करता है | इसलिए एक गिलास गरम पानी में दो चम्मच सेब के सिरके को मिलाकर, इसे खाना खाने के बाद सेवन करें |     

 

  • अदरक दिलाएं घुटनों के दर्द से छुटकारा :- अदरक को दो तरीकों से इस्तेमाल किए जा सकता है, पहले अदरक की चाय पीने से दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है और दूसरा, अदरक को पीसकर इस सूती के कपड़े में लपेटकर घुटनों में रखने से दर्द की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है |  

 

  • सेंधा नमक है बेहतर दर्द निवारक :- सेंधा नमक को प्राकृतिक दर्द निवारक भी माना जाता है | इसके लिए किसी बड़े बर्तन में गुनगुने पानी को रखें और इसमें सेंधा नामक को मिलाएं | फिर अपने घुटनों को 10 से 15 मिंट के लिए इस गुनगुने पानी में डुबाकर रखें, ऐसा करें से सूजन और दर्द की समस्या को कम किया जा सकता है |   

यदि यह सब नुस्खों का इस्तेमाल करने के बावजूद भी आपकी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो बेहतर है की आप किसी अच्छे विशेषज्ञ के पास जाएं अपना इलाज करवाएं | इसके लिए आप हुंजन हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन पंजाब के बेहतरीन ऑर्थोपेडिक्स में से एक है, जो पिछले 32 वर्षो से घुटनों की समस्या से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक कराएं | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों  से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |  

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Knee replacement

क्या वाक्य ही नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से किया जा सकता है घुटनों से जुड़ी समस्याओं का सटीक इलाज ?

व्यक्ति के शरीर का घुटना एक ऐसा जोड़ होता है, जिस पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है | इसलिए घुटनो के जोड़ शरीर के लिए बेहद महतवपूर्ण होते है | जब घुटनो के काम करने की क्षमता कम हो जाती है, तो इसकी वजह से व्यक्ति को चलने-फिरने, उठाने-बैठने और रोज़मर्रा कार्य को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है | इन्ही कारणों की वजह से स्वास्थ्य सेवन प्रदाता इस समस्या के इलाज के लिए मरीज़ को नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने की सलाह देते है | 

 

अब अगर बात करें की क्या नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से किया जा सकता है घुटनो से जुड़ी समस्या का सटीक इलाज, तो यह बात बिलकुल सही की नी रिप्लेसमेंट सर्जरीके माध्यम घुटनो का सटीकता से इलाज किया जा सकता है |  नी रिप्लेसमेंट सर्जरी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया में जिसमें डॉक्टर मरीज़ के खराब घुटनो के हिस्से को बदल देते है | नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को पूर्ण और आंशिक रूप से किया जा सकता है, क्योंकि सर्जरी को कितने हिस्से में करना है, यह पूर्ण रूप से घुटनो की स्थिति पर ही निर्भर करता है | आइये जानते है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने से कौन-कौन से लाभ प्राप्त हो सकते है :- 

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने के क्या-क्या फायदे है ? 

 

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी एक लेटेस्ट और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से घुटनो के ख़राब हिस्से को बदल दिया जाता है | आइये जानते है इस सर्जरी मरीज़ को कौन-कौन से फायदे मिल सकते है :-

  • घुटनों में दर्द की समस्या का कम होना :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने के बाद घुटनों में दर्द की समस्या बिल्कुल ही कम हो जाती है | यदि आपको चलने, फिरने, उठने, बैठने और खड़े होने के समय घुटनो में दर्द का अनुभव होता है तो नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने से बेहतर विकल्प और कोई भी नहीं है |     


  • पैरो की चाल का बेहतर होना :- घुटनो की जोड़े शरीर का सबसे महतवपूर्ण अंग होता है, इसलिए इनमें किसी कारण वर्ष चोट लगने से, उस व्यक्ति के दैनिक जीवनशैली में काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है | लेकिन नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने के बाद पीड़ित मरीज़ के पैरों की चाल काफी बेहतर हो सकती है |   


  • काट या फिर छोटा सा चीरा लगता है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान मरीज़ के घुटनो में छोटा सा ही चीरा लगाया जाता है | फिर सर्जरी के बाद इस चीरा को टांको की मदद से सील दिया जाता है | चीरा काफी छोटा होने की वजह से वह जल्दी ठीक हो जाता है और जख्म होने का जोखिम कारक बिलकुल भी नहीं रहता है | 


  • दर्द का अनुभव नहीं होता :- यह सर्जरी रोबर्ट के माध्यम से किया जाता है, इसलिए सर्जरी के दौरान मरीज़ को किसी भी प्रकार के दर्द से नहीं गुजरना पड़ता | 


  • ब्लीडिंग नहीं होती :- छोटे से कट होने के कारण सर्जरी के दौरान बिलकुल भी ब्लीडिंग नहीं होती | 

 

  • जटिलताओं की संभावना शून्य होती है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी दौरान मरीज़ के घुटनो में छोटा सा चीरा लगता है और ब्लीडिंग भी बिलकुल नहीं होती, इसलिए इस सर्जरी के बाद जटिलताओं की संभावना भी शून्य होती है |    


  • मरीज़ जल्दी रिकवर कर जाता है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद मरीज़ जल्दी रिकवर कर जाता है, यह सर्जिकल प्रक्रिया को करने में केवल एक दिन ही लगता है, इसलिए मरीज़ को अस्पताल में दाखिला लेने की ज़रुरत नहीं पड़ती, वह सर्जरी को करवाने के बाद सीधा घर जा सकता है |  


  • परिणाम काफी बेहतर होते है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को कराने बाद, इससे मिले परिणाम पीड़ित मरीज़ों के लिए  संतोषजनक होते है | सर्जरी के बाद मरीज़ अच्छे से चल-फिर और अपने रोज़मरा कामों को आसानी से कर सकता है | 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति घुटनों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता तो इसमें हुंजन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट बलवंत सिंह हुंजन ओर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है जो पिछले 32 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से सपर्क कर सकते है |   

 

       

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सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट से जुड़े 8 ऐसी युक्तियों, जो करें जल्दी ठीक होने में मदद

किसी भी व्यक्ति के जीवन में दुर्घटना जैसी स्थिति कभी भी हो सकती है, जिसकी वजह से इससे पीड़ित व्यक्ति को कई तरह के परिस्तिथयों से गुजरना पड़ सकता है | हलाकि दुर्घटना में लगी छोटी चोट को मलहम द्वारा या फिर थोड़े दिन में ठीक हो सकते है | लेकिन कई बार बड़ी दुर्घटना होने कारण इसमें मौजूद व्यक्ति को गंभीर चोट लग सकती है, जिस वजह से उसकी  हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाती है | जिसमें टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट का उपयोग किया जाता है, ताकि इससे पीड़ित व्यक्ति जल्द से जल्द ठीक हो सके |

लेकिन एक उचित देखभाल के बिना सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट अपना सटीक रूप से बिल्कुल कार्य नहीं कर सकता, इसलिए निरिक्षीण के साथ-साथ इस कास्ट की देखभाल करना बेहद ज़रूरी होता है | हुन्जुन हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में ऐसी ही 8 युक्तियों का अध्ययन किया गया है जिसके माध्यम से सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट की पूर्ण रूप से देखभाल किया जा सकता है और जल्दी रिकवर होने में मदद भी मिल सकती है | इसलिए आइये जानते है सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट से जुड़े ऐसे ही 8 युक्तियों के बारे में :-    

  1. इस बात का हमेशा ध्यान रखें की सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट में किसी भी तरह का दबाव न डालें | 
  2. सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट को साफ और सूखा रखें, ऐसा न करने पर आपको कास्ट लगे क्षेत्र में खुजली की समस्या उत्पन्न हो सकती है | 
  3. नहाने की दौरान सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट को प्लास्टिक थैले की मदद से अच्छे से ढक ले ताकि कास्ट गीला न हो सके | 
  4. सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट के अंदर किसी भी तरह के वस्तु को न रखें | 
  5. कास्ट के अंदर किसी भी नुकीली वस्तु से खुजली करने का प्रयास न करें, ऐसा करने से त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है |   
  6. यदि आपके सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट में अजीब तरह की दुर्गंध आ रही है तो तुरंत ही डॉक्टर के पास जाएं, और इस समस्या की जांच करवाएं |  
  7. सिंथेटिक और प्लास्टर कास्ट के किनारों में कठोर कास्ट को न काटे | 
  8. कास्ट को खुद से उतारने और काटने का प्रयास न करें, ऐसा करने से आप खुद हानि पहुंचा सकते है |    

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो बनाकर पोस्ट की हुई है | 

इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो पिछले 22 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीक तरीकों और स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श एके लिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |

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सफलतापूवर्क मिली नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी के साथ एक मरीज़ ने अपनी यात्रा के बारे में संपूर्ण जानकारी

हुन्जुन हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से एक मरीज़ ने यह बताया की वह हुन्जुन हॉस्पिटल में अपना दोनों घुटने की नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी को करवाने आये थे | इस हॉस्पिटल में रॉबर्ट्स तकनिकी के माध्यम से उनके घुटनो में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को की गयी | सर्जरी पूर्ण रूप से सफलतापूवर्क हुई और अब उनके घुटनो में दर्द की समस्या काफी कम हो गयी है | अभी वह इस सर्जरी से रिकवरी कर रही है और उसमें भी हुन्जुन हॉस्पिटल के पूरा स्टाफ मेंबर उनकी रिकवरी में पूर्ण रूप से मदद कर रहा है |

 

इसलिए वह इस हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर और हॉस्पिटल में मौजूद पूरे स्टाफ मेंबर का तेह दिल से शुक्रिया करना चाहते है | यदि आप में कोई भी व्यक्ति ऐसी ही परिस्थिति से गुजर रहा है तो उनकी सलाह यही है की वह हुन्जुन हॉस्पिटल्स अपना इलाज करवा सकते है |   

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति ऑर्थोपेडिक्स से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहा है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता है तो इसमें हुन्जुन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बेहतरीन टीम है, जो पिछले 32 सालों से लेटेस्ट तकनीक और नए उपकरण का उपयोग कर ऑर्थोपेडिक्स से जुड़ी समस्या से पीड़ित मरीज़ों का सटीक और स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए  आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में दिए गए नंबरों से भी सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |     

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हुन्जुन हॉस्पिटल नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी के द्वारा कर रहा है घुटने से जुड़ी समस्या का सटीक इलाज

हुन्जुन हॉस्पिटल रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से घुटने से जुडी समस्याओं से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रहा है | इस सर्जरी से न केवल मरीज़ों को घुटने से जुडी समस्याओं से छुटकारा मिल रहा है, बल्कि इस सर्जरी के दौरान मरीज़ को किसी भी दर्द या फिर फिर किसी भी परेशानियों का समाना नहीं करना पड़ता | इसी विषय पर बने एक इंटरव्यू वीडियो में, जो की इस संस्था के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट है, एक मरीज ने यह बताया की वह पिछले 3 सालों से घुटने में दर्द की समस्या से गुज़र रहे थे | उन्होंने कई हॉस्पिटल से अपना इलाज करवाये था, लेकिन जो परिणाम इस संस्था से इलाज करवाने के बाद मिला है वैसा परिणाम उन्हें और कहीं से भी प्राप्त नहीं हो पाया है | 

उस मरीज़ ने यह भी बताया की उनके दोनों घुटनो का इलाज भी रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के माध्यम से ही किया गया है | इस सर्जरी के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या से गुजरना नहीं पड़ा और उन्हें किसी भी तरह के दर्द का अनुभव नहीं हुआ | इस सर्जरी के बाद मिले परिणाम से वह बहुत खुश है और सभी को यही सलाह देंना चाहते है की यदि कोई भी व्यक्ति घुटने से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित है तो वह अपना इलाज हुन्जुन हॉस्पिटल से ही करवाएं | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको  इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी | 

इस संस्था के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ऑर्थोपेडिक्स में स्पेसलिस्ट है, जो पिछले 32 सालों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर उन्हें समस्याओं से छुटकारा दिला रही है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

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slipped disc

What happens when the discs slip? What are the contained & uncontained discs?

When the intervertebral disc of the spine loses its normal shape and consistency, then it is known as a slipped disc. If the inner material of the disc gets leaked, then the altered shape will come into the origin. The doctors of the famous orthopaedic hospital in Ludhiana use different terms for the slipped disc-like protruding, bulged, torn or ruptured. If the pain becomes so severe that the individual can’t get rid of it, then with the help of spine surgery in Ludhiana, it will be aimed at getting treated. 

 

What happens when the discs slip? 

The intervertebral are known for their shock-absorbing feature. These are quintessentially helpful in transferring the loads evenly. In case, the slipped disc emerges, the entire segment which is accountable for doing motion like: 

  • Adjacent vertebrae
  • Connective tissues 
  • Blood vessels 
  • Nerves 

 

How does the slipped disc come into existence? 

When the disc becomes naturally degenerated, then because of that the nucleus pulposus becomes quintessentially less hydrated and gets weakened with age. 

 

What do we know about the initiative disc? 

When the trauma is caused to the disc because of any reason. Usually, the eight lifters suffer from this issue, as they try to lift the giant weight loads which are not of their capability. And while lifting, they end up choosing a bad posture. 

 

Do you know? 

If the connective tissue is having any disorder, then the spinal vertebrates may get some alterations in spinal vertebrates’ shape. 

 

What do we know about the contained and the uncontained disc? 

 

  • Contained disc

When a disc gets slipped and its nucleus pulposus gets leaked out in the form of the annulus fibrosus, but it is not visible in the outermost layer of the disc, then it will be known as the contained disc. 

 

  • Uncontained disc 

When the nucleus pulposus completely gets released outside the disc, then it will be known as the uncontained disc.

 

Which type of pain, you may experience when you are afflicted with the slipped disc? 

 

The slipped discs may cause you to suffer from pain either in the localised areas like the arm and the back or in the far off regions like the high or the hands. 

 

Nerve Pain 

Nerve pain is caused when a herniation is afflicting you at the side and the back of the disc. In these positions, the annulus fibrosus is comparatively thinner. Since this part is extremely close to the nerves of the spinal roots, it can cause mechanical compression, chemical irritation or cauda equina compression. 

 

Do you know? 

When owing to the slipped disc, you are suffering from back pain or neck pain, then it will be known as discogenic pain. 

 

What happens when the disc has slipped owing to the degeneration? 

If degeneration has caused the disc to move, then it will result in instability in the motions of the spine.

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डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन से जाने कैसे किया जाता है उनके हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्या का इलाज

हुन्जुन हॉस्पिटल के यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक इंटरव्यू वीडियो में डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने यह बताया कि हुन्जुन हॉस्पिटल पिछले 35 सालों से ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित मरीज़ का इलाज कर रहा है और इस हॉस्पिटल को ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं का इलाज करने के नाम से भी जाना जाता है, जहाँ हड्डियों से जुडी सभी समस्याओं का स्थायी और सटीक तरीकों से इलाज किया जाता है | हड्डियों और जोड़ों से जुडी किसी भी प्रकार ऑपरेशन उनके हॉस्पिटल में बड़े ही सटीक तरीकों से किया जाता है, जैसे की जॉइंट नी रिप्लेसमेंट, जो कंप्यूटर नेविगेशन के माध्यम से किया जाता है, कूल्हे को बदलवाना, सोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जरी और भी कई ऐसे सफलतापूवर्क सर्जरी किये जाते है, जिसके परिणाम भी काफी बेहतरीन होते है |   

 

डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने यह भी बताया की इसके ;अलावा उनके हॉस्पिटल में अर्थरोस्कोपी थेरेपी भी की जाती है, जिससे कीहोल सर्जरी के नाम से भी जाता है, इसके माध्यम से भी घुटनों के जुड़ी समस्याओं का सफलतापूवर्क सर्जरी किया जाता है | इस फील्ड में अब उनका बेटे डॉक्टर जयवीर सिंह ने उनका साथ देना शुरू कर दिया है, डॉक्टर जयवीर सिंह ने तीन साल ऑर्थोस्कोपी में स्पेशल ट्रेनिंग ली है और अब वह भी ऑर्थोपेडिक से जुड़ी समस्याओं का सटीक इलाज और सफलतापूवर्क सर्जरी कर रहे है | 

 

इसके अलावा उनके हॉस्पिटल में रीढ़ की हड्डी से जुडी समस्याओं का सफलतापूवर्क भी इलाज किया जाता है | इसके साथ ही वह मरीज़ों का इलाज के लिए लेटेस्ट उपकरण और नए तकनीकों के उपयोग से करते है, ताकि मरीज़ को उचित उपचार और समस्या का सटीक इलाज प्राप्त हो सके | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है, इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी | 

 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति हड्डियों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहा है और सटीक इलाज करवाना चाहता है तो इसके लिए आप हुन्जुन हॉस्पिटल से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के सभी डॉक्टर ऑर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |

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लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी क्या होती है और इसकी मदद से किन-किन समस्याओं का किया जाता है निदान ?

हुन्जुन हॉस्पिटल के अध्यक्ष और सह-संस्थापक डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से यह बताया कि लंबर दीकम्प्रेशन एक ऐसी सर्जरी होती है जिसका उपयोग निचली रीढ़ की हड्डी में संपीड़न नसों के इलाज के लिए निर्वहन में किया जाता है | हालाँकि किसी व्यक्ति के काठ में संपीडन होना एक गंभीर स्थिति होती है, जिसकी वजह से व्यक्ति को असहनीय दर्द और चलने-फिरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है | जिसके चलते स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा इस समस्या के इलाज के लिए लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी की सलाह की जाती है | आइये जानते है लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी किन-किन समस्याओं का निदान किया जाता है :- 

 

  • साइटिका एक ऐसी समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को रीढ़ हड्डी के निचले हिस्से से होते निचे पैरों तक में तीव्र दर्द और झुनझुनी का अनुभव होने लग जाता है, जो एक या एक से अधिक नसों का प्रभावित कर सकते है | जब साइटिका की स्थिति गंभीर जाती है तब इसका इलाज लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी के माध्यम से किया जाता है |  
  • हर्नियेटेड डिस्क 
  • अपक्षयी डिस्क का होना 
  • रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में किसी नस का दबा होना, जिस कारण दर्द और झुनझुनी उत्पन्न होती है | 
  • स्पाइनल स्टेनोसिस, जिसमे रीढ़ की हड्डी में सिकुड़न की समस्या उत्पन्न हो जाती है | 

 

अब अगर बात करें की यह सर्जरी कितने प्रकार की होती है तो लंबर दीकम्प्रेशन सर्जरी दो प्रकार की होती है पहला है लामाइनक्टोमी और दूसरा है डिस्केक्टॉमी | लामाइनक्टोमी सर्जरी में सर्जन कशेरुका के पिछले भाग को हटा देता है ताकि आपके रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह का दबाव न पड़े | डिस्केक्टॉमी सर्जरी में सर्जन केशुरूका के बीच में मौजूद डिस्क के छोटे- से हिस्से को निकल देता है, ताकि रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह का दबाव न पड़े | 

 

यदि आप भी रीढ़ की हड्डी से जुडी किसी भी प्रकार की समस्या से गुज़र रहे तो इसके इलाज में हुन्जुन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसल्टंट  डॉक्टर बलवंत सिंह हुन्जुन ऑर्थोपेडिक में स्पेशलिस्ट है, जो इस समस्या को कम करने में आपकी सहायता कर सकते है | इसलिए आज ही हुन्जुन हॉस्पिटल की वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से भी संपर्क कर सकते है |   

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप हुन्जुन हॉस्पिटल नामक यूट्यूब चैनल पर भी जा सकते है | इस चैनल पर इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |