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जानिए घुटना बदलने की क्या है सबसे अच्छी उम्र ?

घुटना जोकि व्यक्ति के शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है क्युकी इस के बल पर वो अपने शरीर को खड़ा कर पाते है और साथ ही सही घुटने की मदद से व्यक्ति दूरदूर के सफर भी आसानी से तय कर सकता है। पर किसी कारवश यदि इनमे परेशानी आ जाए तो इसको हम कैसे और किस उम्र में ठीक करवा सकते है इसके बारे में आज के आर्टिकल में बात करेंगे, तो अगर आप भी घुटने में दर्द की समस्या से परेशान है तो इस लेख के साथ अंत तक जरूर बने रहें ;

घुटने में दर्द की समस्या क्या है ?

  • घुटने वह जोड़ है जहां पटेला जांघ की हड्डी और निचले पैर की हड्डियां मिलती है। वही त्वचा, मांसपेशियां, टेंडन, उपास्थि, स्नायुबंधन, नसें, और रक्त वाहिकाएं सभी आपके घुटनों का निर्माण करती है, और ये सभी क्षति, संक्रमण और अन्य समस्याओं के लिए अतिसंवेदनशील होते है जो घुटने की परेशानी को पैदा कर सकते है।

  • तो घुटने का दर्द एक आम शिकायत है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। कई दफा गंभीर घुटने का दर्द चोटों का कारण भी हो सकता है।

अगर आपके घुटने में भी दर्द है तो इसके लिए आप रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी का चयन भी कर सकते है।

डॉक्टर का चयन कब करना चाहिए घुटने की सर्जरी के लिए ?

आपको डॉक्टर का चयन निम्न तरह की स्थिति आने पर करना चाहिए, जैसे ;

  • घुटने में जटिल सूजन होने पर।

  • घुटने में गंभीर दर्द हो।

  • घुटने में दर्द के कारण बुखार की समस्या हो।

  • जोड़ के आसपास सूजन की समस्या हो।

  • जब व्यक्ति घुटने में दर्द के कारण चलने में असमर्थ हो आदि।

घुटने की सर्जरी को किस उम्र में करवाना चाहिए !

  • तो सही मायने में देखा जाए तो घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने वाले मरीज की औसत आयु लगभग 65 वर्ष है। वही अधिकतर घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी गंभीर गठिया से पीड़ित बुजुर्गों में की जाती है, जबकि 50 वर्ष से कम उम्र वालों को युवा माना जाता है और उन्हें 65 वर्ष की आयु तक इंतजार करने के लिए कहा जाता है।

  • वही घुटने का प्रतिस्थापन परंपरागत रूप से वृद्ध लोगों में किया जाता है। तो कई बार वयस्कों में घुटने का दर्द अगर गंभीर हो जाए तो 50 वर्ष से कम उम्र के लोग भी संपूर्ण घुटने के प्रतिस्थापन से लाभ उठा सकते है।

घुटना बदलने का ऑपरेशन क्या है ?

  • घुटने को बदलने के लिए सबसे पहले कुल घुटने का प्रतिस्थापन या पूरे घुटने को ही बदल दिया जाता है।

  • आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन में मरीज़ के केवल प्रभावित हिस्से को ही बदला जाता है।

  • वही द्विपक्षीय घुटने का प्रतिस्थापन में दोनों घुटनों को एक ही समय में बदल दिया जाता है।

घुटना बदलने के लिए बेस्ट हॉस्पिटल !

  • यदि आपके घुटने में किसी भी तरह का दर्द है जिसने आपको काफी परेशान कर दिया है तो इससे बचाव के लिए आपको हुंजन हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। क्युकी इस हॉस्पिटल में आधुनिक उपकरणों और इस हॉस्पिटल के द्वारा खुद से बनाए गए रोबोट से व्यक्ति के घुटने की सर्जरी की जाती है। वही इस हॉस्पिटल के डॉक्टरों को भी काफी सालों का अनुभव भी है घुटने सर्जरी को लेकर।

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बिना चीर-फाड़ के, टूटे हुए एंकल लिगामेंट को कैसे ठीक करें ?

 सामान्य चोट या खेल-कूद की वजह से एंकल (टखने) का टूटना किसी गंभीर समस्या से कम नहीं है, इसके अलावा अगर टखने टूटने की समस्या हमारे सामने आ भी जाए, तो कैसे हम इससे खुद का बचाव कर सकते है वो भी बिना सर्जरी की मदद से। तो जानते है की आखिर एंकल टूटने की समस्या क्यों उत्पन होती है, और अगर उत्पन हो भी जाए तो कैसे हम इससे खुद का बचाव कर सकते है ;

क्या है टूटे हुए या लिगामेंट एंकल की समस्या ?

  • चलते-चलते अचानक पैरों का मुड़ना या कई बार खेलते वक्त ऐड़ी का मुड़ना व्यक्ति के लिए बहुत सी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
  • वही एंकल में चोट के ज्यादा तर मामले खासतौर पर खिलाड़ियों में देखने को मिलते है, मगर बता दे आपको की यह समस्या किसी भी उम्र में ऐड़ी मुड़ने पर हो सकती है।

अगर आपको भी टखने में चोट लग गई है जिसका असर काफी गंभीर नज़र आ रहा है तो बिना देर किए घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी का चयन करें।

टूटे हुए एंकल या लिगामेंट टूटने के कारण क्या है ?

  • फुटबॉल,बास्केटबॉल और स्कीइंग आदि में जब घुटना ज्यादा स्ट्रेच हो जाता है तब एक स्थिति ऐसी आ जाती है कि लिगामेंट खिंचते हुए टूट जाता है। ऐसे में घुटने का सुजना और उसमें दर्द का होना शामिल हो जाता है।
  • वही सही साइज के जूते न पहनने, ऊंचे-नीचे रास्तों पर चलने, ऊंची हिल की सैंडिल पहनने से भी ये समस्या उत्पन्न हो जाती है।

लिगामेंट क्या है ?

  • सही मायने में देखा जाएँ तो लिगामेंट्स रस्सीनुमा तंतुओं के ऐसे समूह हैं, जो हड्डियों को आपस में जोड़कर उन्हें स्थायित्व प्रदान करते हैं। इस कारण जोड़ सुचारु रूप से कार्य करते हैं। घुटने का जोड़ घुटने के ऊपर फीमर और नीचे टिबिया नामक हड्डी से मिलकर बनता है।

अगर आपके घुटने में दर्द या चोट की वजह से उसका दर्द रीढ़ की हड्डी के जोड़ों तक फैल गया है तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में सर्वश्रेष्ठ स्पाइन सर्जन से संपर्क करना चाहिए।

इलाज क्या है टूटे हुए एंकल (टखने) को जोड़ने का ?

  • एंकल इंजरी में दवाईयों, बर्फ की सेक एवं बैंडेज/प्लास्टर द्वारा इसका इलाज संभव है। किन्तु गंभीर मामलों में जब ऐड़ी की लिगामेंट पूरी तरह टूट जाती है तब सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
  • इसके अलावा घुटने का इलाज करने के लिए अब नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है और इस तकनीक में बड़ा चीरा नहीं लगाया जाता और आर्थ्रोस्कोपी तकनीक से मामूली चीरे के जरिए इसकी सर्जरी संभव की जाती है।
  • अगर आपके घुटने में मामूली सी चोट है तो इससे निजात पाने के लिए आपको कुछ दवाइयां और बर्फ की सेक का सेवन करना चाहिए। लेकिन समस्या गंभीर होने पर आपको समय रहते घुटने की सर्जरी का चयन करना चाहिए।

टूटे हुए एंकल (टखने) या लिगामेंट से बचाव के लिए बेस्ट हॉस्पिटल ?

  • यदि आपके टखने बुरी तरीके से टूट चुके है तो इससे बचाव के लिए आपको हुंजन हॉस्पिटल के संपर्क में आना चाहिए। इसके अलावा टखनों का टूटना अपने साथ कई और समस्याओं को जन्म दे सकता है।
  • इसलिए टखनों में गंभीर समस्या होने पर बेहतरीन डॉक्टर के संपर्क में जरूर से आए।

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घुटना बदलने के क्या है कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके ?

घुटनों में दर्द की समस्या का उत्पन होना व्यक्ति के लिए काफी परेशानियां खड़ी कर सकता है इसके अलावा इस समस्या से या यू कहे इस दर्द से कैसे हम बाहर निकल सकते है। वही घुटनों में दर्द की समस्या का क्या है इलाज, लक्षण और कारण साथ ही हम इस समस्या से कैसे खुद को बाहर निकाल सकते है इसके बारे में बात करेंगे इसलिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर से बने रहे। 

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • घुटने में दर्द की समस्या का उत्पन होना काफी खतरनाक मंजर है। 
  • तो वही घुटने की संधि में चार अस्थियों की संधि होती है, जैसे उर्वस्थि (फीमर), अन्तर्जंघिका (टिबिया), बहिर्जंघिका (फिबुला) और जानुका (पटेला)। घुटने में चार खानें होते हैं। वही बार-बार के तनाव, चोट या किसी रोग के कारण इन खानों को नुकसान पहुँच सकता है।
  • दूसरी और लम्बी दूरी तक दौड़ने से घुटनों के जोड़ में दर्द हो सकता है क्योंकि इससे घुटनों पर बहुत झटका लगता है।
  • मानव शरीर में पैर बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता हैं, ठीक वैसे ही उनके बीच में बने घुटने भी महत्वपूर्ण स्थान रखते है। घुटनों से ही पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। इसलिए इनका खास ध्यान रखना चाहिए।

घुटने में दर्द के कारण क्या है ?

  • लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट का लगना इसके कारणो में शामिल है।। 
  • टेन्टीनाइटिस, आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। 
  • घिसा हुआ कार्टिलेज, घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।

घुटने में दर्द की समस्या ने आपको भी परेशान कर रखा है तो इस दर्द से निजात पाने के लिए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का चुनाव जरूर से करें।

घुटने को बदलने के बाद क्या लक्षण दिखाई देते है ?

  • 100 एफ (37.8 सी) से ज्यादा बुखार का होना घुटने की सर्जरी के बाद।
  • ठंड या ठंड वाली जगह से कंपकपी का महसूस होना। 
  • सर्जरी वाली जगह से गंदे पानी का निकलना। 
  • घुटने में लालपन या कोमलता का बढ़ना। 

घुटना बदलने के उपचार क्या है ?

  • टोटल नी रिप्लेसमेंट में आपका सर्जन जांघ की हड्डी और पिंडली की हड्डी को जोड़ने वाली सतहों को बदल देता है। 
  • सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है। फिर डॉक्टर घुटने के जोड़ की क्षतिग्रस्त सतहों को हटाते है और जोड़ में कृत्रिम अंगो को लगाते है। तो वही घुटने का कृत्रिम अंग मेटल और प्लास्टिक से बना होता है। 
  • इसके बाद सर्जरी के दौरान जो चीरा लगाया जाता है उसे टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। 

घुटने की सर्जरी के बाद खुद का बचाव कैसे करें ?

  • आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कार्य। 
  • बर्फ लगाएं। पहले दिन प्रत्येक घंटे 15 मिनट लगाएं। पहले दिन के बाद प्रतिदिन कम से कम 4 बार जरूर लगाएं।

यदि आपके घुटने में ज्यादा परेशानी है तो इस परेशानी से निजात पाने के लिए इस सर्जरी को हुंजन हॉस्पिटल से करवाए।

निष्कर्ष :

यदि आपके घुटने में भी उपरोक्त लक्षण और कारण नज़र आ रहे है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें बल्कि समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर का चयन जरूर से करें।

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हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात पाने के जानें, चमत्कार तरीके ?

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसका सामना तक़रीबन हर उम्र के लोग कर रहे है। इस दर्द की वजह से कई बार लोगों का चलना, खड़े होना काफी मुश्किल हो जाता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करेंगे की कैसे हम इस दर्द से आसानी से निजात पा सकते है।

ऑर्थोपेडिक्स कौन होते है ?

ऑर्थोपेडिक्स कौन है, इनके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • ऑर्थोपेडिक्स में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति को ऑर्थोपेडिस्ट यानी हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं, जैसे कि स्पोर्ट इंजरी, जोड़ों में दर्द और गठिया का इलाज करने के लिए सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरीकों का उपयोग करते हैं।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • बता दे की हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या के अनेक कारण है, जैसे कि चोट, संक्रमण या बीमारी के कारण जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। जोड़ों में दर्द होने पर आपका चलना, फिरना, उठना, बैठना या दैनिक जीवन के कामों को करना मुश्किल हो सकता है।
  • वही विटामिन डी की कमी से भी हड्डियों और जोड़ो में दर्द में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

आपको भी अगर हड्डियों और जोड़ों के दर्द ने अपनी मुठी में कस कर रखा है, तो बिना देर किए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी को करवाए और इसके दर्द से निजात पाए।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द से निजात पाने के तरीके क्या है ?

 

इसके तरीके निम्नलिखित है ;

  • एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल आप कर सकते है क्युकि इसमें मैग्नेशियम होता है। जो कि सूजन की समस्या से निजात दिलवाता है।
  • आप मेथी दाना भी इसके उपचार में इस्तेमाल कर सकते है। बस आपको करना ये है कि आपको मेथी दाना रात भर भिगो देना है और सुबह इसके पानी को पी जाना है, और इसके दाने का पेस्ट बना कर अपने दर्द वाली जगह पर आपको लगाना है।
  • जोड़ों का दर्द होने पर आपको लहसुन के तेल से मालिश करना चाहिए। और इसको बनाने के तरीके की बात करे तो इसमें आपको 3 से 4 लहसुन की कलियां लेनी है और सरसो के तेल में डाल कर उसको हल्का भूरा होने तक गर्म करना है। फिर हल्के हाथो से दर्द वाली जगह पर लगाना है।
  • हल्दी भी काफी सहायक है, हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात दिलवाने में। इसको बनाने के तरीके की अगर बात करे। तो आपको एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी, ग्राइंड किया हुआ अदरक, एक चुटकी काली मिर्च और स्वाद के हिसाब से आप शहद मिला सकते है।
  • जैतून का तेल जोड़ो के दर्द से निजात दिलवाता है, बस आपको दिन में दो बार जैतून के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करना है।

यदि आपको जल्दी दर्द से राहत चाहिए, तो उपरोक्त बातो के साथ हुंजन हॉस्पिटल से सर्जरी करवाने के बारे में भी सोच सकते हो।

निष्कर्ष :

दर्द कोई भी हो चाहे वो जोड़ों से जुड़ा हुआ हो या सम्पूर्ण शरीर का दर्द हो, इससे निजात सभी पाना चाहते है। क्युकि बाद में ये छोटा सा दर्द खतरनाक दर्द की जगह को ले लेता है। इसलिए समय रहते इस दर्द से निजात पाने की कोशिश करे और उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखे।

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घुटने के ऑपरेशन के तरीके को अपनाकर आप भी पाए इसके दर्द से आराम !

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है, हम इसके बारे में आज के लेखन में बात करेंगे और साथ ही ये बात भी करेंगे कि हम इससे निजात कैसे पा सकते है। क्युकि घुटने का दर्द बहुत ही दर्दनाक और असहनीय होता है।

घुटने की सर्जरी क्या है ?

घुटने की सर्जरी वह सर्जरी है, जिसको करवाने के बाद आप इसके दर्द से निजात पा सकते है। इसके इलावा घुटने की सर्जरी और क्या है, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे;

  • नी रिप्लेसमेंट, जिसे टोटल नी रिप्लेसमेंट या नी आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है, एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन हड्डियों की क्षतिग्रस्त सतहों को बदल देते हैं। जो एक कृत्रिम सामग्री या इम्प्लांट के साथ घुटने के जोड़ को बनाते हैं। 
  • यह गठिया, आघात या चोट के मामलों में घुटने के कार्य में भी सुधार कर सकता है। घुटने की सर्जरी में जिस इम्प्लांट का उपयोग किया जाता है, वो जोड़ मुख्य रूप से धातु मिश्र धातु, उच्च ग्रेड प्लास्टिक और पॉलिमर से बना होता है। 

यदि आप घुटने के दर्द से परेशान है और घुटने की सर्जरी को करवाना चाहते है, तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का उपचार जरूर करवाए।

घुटने की सर्जरी के प्रकार क्या है ?

घुटने की सर्जरी मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है ;

  • कुल घुटने के प्रतिस्थापन ऑपरेशन, में आपकी जांघ की हड्डी (फीमर) के अंत में संयुक्त सतह और आपकी पिंडली की हड्डी (टिबिया) के शीर्ष पर संयुक्त सतह को बदलना शामिल है।
  • एकल-विभागीय घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी में यदि गठिया आपके घुटने के केवल एक तरफ को प्रभावित करता है, तो आमतौर पर भीतरी तरफ का आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन संभव हो सकता है।
  • नीकैप रिप्लेसमेंट प्रतिस्थापन में केवल घुटने की टोपी की निचली सतह और उसके खांचे (ट्रोक्लीअ) को बदलना शामिल है।
  • जटिल या पुनरीक्षण घुटना बदलने वाली सर्जरी, की जरूरत तब होती है। जब आपका गठिया बहुत गंभीर है।

घुटने की सर्जरी से पहले क्या किया जाता है ?

घुटने की सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री को जरूर देखते है।

  • इस सर्जरी के आठ घंटे पहले मरीज़ का खाना बंद कर दिया जाता है। 
  • शारीरिक परीक्षण करना जिसमे ब्लड टेस्ट और एक्सरे शामिल होते है। 
  • ऑपरेशन से पहले मरीज़ का शरीर अनुकूल रहे, इसके लिए डॉक्टर व्यायाम करने की सलाह देते है।  

घुटने की सर्जरी कैसे की जाती है ?

घुटने की सर्जरी को डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है ;

  • मरीज को एंट्रावेनिय्स लाइन को लगाना ताकि मरीज को मुश्किल ना हो।
  • इसके बाद त्वचा या घुटने के स्किन को शेव करना। 
  • फिर घुटने की सर्ज़री को करने से पहले व्यक्ति को दर्द न हो, इसके लिए मरीज को एनेस्थीसिया की दवाई दी जाती है। 
  • इसके बाद डॉक्टर घुटने के सामने वाले हिस्से पर कट लगाते है। 
  • इसमें जोड़ के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है। 
  • जब घुटने के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है, तो उसके बाद कृत्रिम जोड़ आर्टिफीसियल इम्प्लांट का प्रत्यारोपण किया जाता है।

आप भी घुटने के दर्द से परेशान है तो जल्दी ही इसका उपचार करवाए या आप इसका उपचार हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

यदि घुटने के दर्द की वजह से आपका चलना फिरना मुश्किल हो रहा है, तो इस दर्द में रहने से अच्छा है कि आप समय पर इसकी सर्जरी का चुनाव करे।

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गठिया या घुटने में लगे चोट से निजात दिलवाने में कैसे सहायक है घुटना सर्जरी ?

घुटने का दर्द क्या है ?

घुटने का दर्द बढ़ती उम्र के साथ उत्पन होने वाली एक समस्या है। जिसका सामना एक उम्र को क्रॉस करने के बाद सबको करना पड़ता है। घुटने का दर्द क्या है इसके बारे में और बातें हम इस पूर्ण लेखन में करेंगे ;

  • बता दे कि जब घुटने में दर्द होता है तो इसके कारण बर्साइटिस, गाउट, टेंडनाइटीस या आर्थराइटिस जैसी कई गंभीर बीमारी होती है। ऐसी में घरेलू उपायों का भी लोगों पर कोई फायदा नहीं होता। 
  • तो वहीं इस स्थिति में घुटने के दर्द से निजात दिलवाने के लिए डॉक्टर इलाज के रूप में दवाइया, तेल या सर्जरी का उपयोग भी करते हैं।
  • इसके इलावा यदि आपके गठिया में दर्द है तो ये भी आपके जोड़ो के दर्द या घुटने के दर्द की श्रेणी में शामिल होगा। 

घुटने में दर्द के क्या कारण है ?

घुटने में दर्द के निम्नलिखित कारण है जिम्मेदार, जैसे ; 

  • आर्थराइटिस। 
  • बर्साइटिस। 
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस। 
  • गाउट। 
  • हड्डियों का कैंसर। 
  • हडियो का कमजोर होना। 
  • पैर मोड़कर लंबे समय तक बैठना। 
  • मोटापा के कारण घुटने पर प्रेशर का पड़ना। 
  • खेल कूद के दौरान घुटने में चोट का लगना। 
  • काम के दौरान घुटने पर अधिक बल पड़ना भी इसके कारण में शामिल है। 

घुटने की सर्जरी करवाने से पहले किन बातों का रखे ध्यान ?

घुटने की सर्जरी करवाने से पहले यदि आप निम्न कुछ बातो को ध्यान में रखे तो आपको इस सर्जरी को करवाने के दौरान किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा ;

  • डॉक्टरों के द्वारा आपका मेडिकल टेस्ट होगा। 
  • यदि आपको किसी दवा, लेटेक्स, टेप और एनेस्थेटिक चीजों से एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें। 
  • अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं और हर्बल सप्लीमेंट्स के बारे में सूचित करें जो आप ले रहे हैं।
  • यदि आप गर्भवती हैं या संदेह है कि आप गर्भवती हैं, तो आपको अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
  • आपको प्रक्रिया से आठ घंटे पहले, आम तौर पर आधी रात के बाद खाने को कुछ नहीं दिया जाएगा।

यदि आप घुटने के दर्द से काफी परेशान है, तो बिना समय गवाए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी को अपनाए।

घुटने की सर्जरी कैसे की जाती है ?

घुटने की सर्जरी को डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है, जैसे ;

  • सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है।
  • डॉक्टर घुटने के जोड़ की क्षतिग्रस्त सतहों को हटाकर उस जगह पर बनावटी अंग लगाते है। ताकि मरीज़ को आराम मिल सके। 
  • आपको बता दे कि घुटने का बनावटी अंग मेटल और प्लास्टिक दोनो से बना होता है। 
  • तो वही चीरे को टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। फिर तरल पदार्थ को निकालने के लिए चीरा स्थल में एक नली रखी जाती है। इसके बाद हिस्से को पट्टी से बांध दिया जाता।

सुझाव :

 यदि आप घुटने के दर्द से हमेशा के लिए निजात पाना चाहते है तो ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए हुंजन हॉस्पिटल से अपनी इस परेशानी का इलाज करवाए। ताकि आपको चलने,फिरने या घूमने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। 

निष्कर्ष :

उपरोक्त घुटना सर्जरी की बातों को जानने के बाद यदि आप भी अपने घुटने की सर्जरी करवाने के बारे में सोच रहे है तो ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए किसी अच्छे हॉस्पिटल का चुनाव करे ताकि आपकी परेशानी का हल हो सके।

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घुटने के ऑपरेशन से पाए, सालों पुराने घुटनों के दर्द से निज़ात ?

रोबोटिक घुटना सर्जरी क्या हैं ?

 रोबोटिक घुटने की सर्जरी आम तौर पर उसे कहा जाता हैं जो पूरे पैर के सीटी स्कैन पर आधारित होती है, जिससे कि प्रत्येक घुटने के लिए एक अनुकूलित योजना तैयार करने में सहायता मिलती है। रोबोटिक सर्जरी की वजह से घुटने के अधिकांश भाग को बिल्कुल समान बनाए रखने में सहायता भी मिलती हैं।

  • इस सर्जरी या ऑपरेशन की जरूरत हमे तब होती हैं जब हम असहनीय घुटने के दर्द की पीड़ा से जूझ रहे हो और उस से निजात पाना चाहते हो।

घुटनों में दर्द के कारण क्या हैं ?

घुटनो में दर्द के कई कारण हो सकते हैं व कुछ बीमारिया को भी इसके कारण की वजह को माना जाता हैं। जैसे..,

० बर्साइटीस इसमें दर्द इसलिए होता हैं क्युकि अत्यधिक घुटनो का हम इस्तेमाल करते हैं।

० डिस्लोकेशन की समस्या तब होती हैं जब घुटने की हड्डी टूट जाती हैं।

० गाउट के कारण घुटनो में दर्द का होना और ये तब होता है जब हमारे शरीर में यूरिक की मात्रा अधिक इकठी हो जाती हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए ?

 > यदि घुटना शरीर का भार न सहन कर पा रहा हो।

> घुटनो में सूजन का दिखाई देना।

> घुटने को पूरी तरह सीधा करने व मोड़ने में दिक्कत का आना इत्यादि।

यदि इनमे से एक भी लक्षण अगर आपमें दिखाई दे तो नज़रअंदाज़ न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर के पास जाए। या रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी जहा होती हो वही बिना समय बर्बाद किए इसका इलाज करवाए।

क्या घुटने की सर्जरी कामयाब हैं ?

 > घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी में रोगग्रस्त जोड़ को कृत्रिम जोड़ से बदल दिया जाता है।

> जिससे मरीज़ अपने कृत्रिम जोड़ की मदद से शारीरिक गतिविधियाँ और अपने कार्य आसानी से कर सकता है।

> तो वही घुटने के प्रत्यारोपण सर्जरी से घुटने के दर्द में राहत मिलती है। बता दे कि घुटने के प्रत्यारोपण सर्जरी की

सफलता की दर लगभग 98% से अधिक रहती है।

> इस सर्जरी को करवाने के बाद आप इसके दर्द से कम से कम 15 से 20 साल तक निजात भी पा सकते हैं।

लक्षण क्या घुटने के दर्द के ?

> घुटने को मोड़ने व सीधा करने में तकलीफ का अनुभव करना।

> घुटने में सूजन का होना।

> पैरो को हिलाते वक़्त हड्डी टकराने की आवाज़ का आना।

> दर्द वाली जगह पर लालिमा का छा जाना।

इलाज क्या है घुटने की सर्जरी का ?

 घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी में रोगग्रस्त जोड़ को कृत्रिम जोड़ से बदल दिया जाता है, जिससे मरीज़ अपने कृत्रिम जोड़ की मदद से शारीरिक गतिविधियाँ और अपने कार्य कर सकता है।

  • घुटने के प्रत्यारोपण सर्जरी से घुटने के दर्द में राहत मिलती है। घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी की सफलता की दर लगभग 98% से अधिक है। हालांकि, सर्जरी के कुछ जोखिम और लाभ भी शामिल हैं।
  • सर्जन द्वारा आपको सर्जरी के बाद के परामर्श के दौरान व्यायाम और फिजियोथेरेपी करने की सलाह दी जाती है।
  • घुटने की सर्जरी से ठीक होने में कुछ महीनों का समय लगता है।
  • इस उपचार में डॉक्टर ग्रस्त एरिया को ही हटाते हैं।

निष्कर्ष :

यदि घुटने के दर्द ने आपको भी परेशान कर रखा है तो बिना समय गवाए बेहतरीन उपकरणों से तैयार हुंजन हॉस्पिटल से अपना ट्रीटमेंट करवाए। क्युकि यहाँ पर इलाज काफी अच्छा किया जाता हैं और मरीज़ो ने भी अपने घुटने के दर्द से राहत पाया हैं यहाँ इलाज करवा कर।

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अब दर्द से राहत दिलवाने में एहम भूमिका निभाएगी रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी

क्या है रोबोटिक घुटने की सर्जरी ?

  • रोबोटिक घुटने की सर्जरी पूरे पैर के सीटी स्कैन पर आधारित होती है, जिससे कि प्रत्येक घुटने के लिए एक अनुकूलित योजना तैयार करने में सहायता मिलती है।
  • वही दूसरी तरफ घुटना प्रत्यारोपण एक बहुत ही सटीक सर्जरी है जहां प्रत्यारोपित किए गए इम्प्लांट के लंबे समय तक चलने और सामान्य रूप से कार्य करने के लिए उसका सही तरीके से तंदरुस्त होना बहुत आवश्यक है
  • तो वही अगर पारंपरिक तकनीकों में सर्जरी की बात करें तो इस सर्जरी में आमतौर पर एक्स-रे शामिल है, जिसमें इम्प्लांट्स के प्रत्यारोपण के लिए हड्डी के सिरों को फिर से आकार देने के लिए मैनुअल जिग्स उपलब्ध होते हैं। 

क्यों जरूरत पड़ती है घुटने के सर्जरी की ?

  • बता दे की यह सर्जरी मुख्य रूप से आर्थराइटिस के मरीजों के लिए जरूरी मानी जाती है
  • तो वही दूसरी तरफ अगर बात करे इस सर्जरी की तो जिनके जोड़ों में अत्याधिक दर्द हो और इस दर्द के कारण उनकी गति सीमित हो जाए तो ऐसे लोगो को भी इस सर्जरी की आवश्कता पड़ सकती है 
  • खान-पान में कमी की वजह से भी हमे इस सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती हैं

क्या घुटने की सर्जरी सफ़ल होती है या नहीं ?

  • इस सर्जरी की अगर बात करे तो ये अभी तक के इलाज में 90% कारीगर सिद्ध हुई हैं
  • तो वहीं  नए घुटने के जोड़ की लंबी उम्र सुनिश्चित करने के लिए अगर रोगी अपने अनुशंसित व्यायाम, स्ट्रेच और भौतिक चिकित्सा का पालन अच्छे से करे तो इस सर्जरी का फायदा हैं
  • तो वही कुछ डॉक्टर्स का कहना है की अगर मरीज़ को अपने घुटने के दर्द में कम पैसो में राहत चाहिए तो उसको लिए पीएफओ विधि का चुनाव करना चाहिए

सुझाव :

     यदि आप घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी करवाना चाहते है तो किसी अच्छे आर्थोपेडिक चिकित्सक से जरूर मुलाकात करे 

घुटने के दर्द में आराम पाने के लिए किन बातों का रखे ध्यान :

इस दर्द से राहत पाने के लिए निम्नलिखित बातो की तरफ हमें ध्यान रखना चाहिए, जैसे….,,

  • घुटनों के बीच में तकिए का सहारा लेकर सोए 
  • बिस्तर से बाहर निकलने के लिए खुले और आरामदायक कपडे पहने 
  • आराम देने वाली तकनीकों (किताबे पड़े,गाने सुने) का इस्तेमाल करे 
  • दर्द और तनाव को मेरिटेशन करके मैनेज करे 
  • समय पर दवाइयां ले 
  • दिन के दौरान दर्द प्रबंधन से राहत पाने के लिए कम चले

खर्चा कितना आता है इस सर्जरी में :

  • बता दे की भारत में घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करने की औसतन कीमत का खर्च 1,80,000 से लेकर 4,50,000 रूपये तक का हो सकता हैं जिसमें अस्पताल में भर्ती और पोस्टऑपरेटिव प्रबंधन की राशि भी शामिल होगी 
  • तो वही दूसरी तरफ कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि पीएफओ विधि घुटने के दर्द से राहत दिलवाने के साथ-साथ हमें खर्चे से भी बचाती हैं और है इस विधि में न तो घुटने को खोलने की जरूरत पड़ती है और न ही उसके अंदर या बाहर कोई आर्टिफिशियल अंग प्रत्यारोपित किया जाता हैं

निष्कर्ष :

यदि आप लुधियाना में रहते हो और घुटनो के दर्द से काफी परेशान हो तो एक बार लुधियाना में ही HUNJAN HOSPITAL में जरूर आए क्युकि यहाँ पर घुटनो के दर्द का इलाज काफी अच्छा किया जाता हैं और अगर आप यहाँ आए तो एक बार आर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट Dr. Balwant Singh Hunjan से जरूर मुलाकात करे और अपनी परेशानी का यथासंभव हल पाए