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बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन (BJI) जॉइन्ट्स के दर्द और इंफेक्श से जुड़ी बीमारी क्या है?

आज के समय की बात की जाए तो जोड़ो में दर्द का होना कोई बड़ी बात नहीं है, क्युकि स्वास्थ्य और संतुलित खाने की आज के समय में काफी कमी आ चुकी है जिस वजह से लोगों में ये समस्या देखने को मिल रहीं है। वही आज के लेख में हम बात करेंगे की आखिर क्या है बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन और इसके होने पर व्यक्ति को किस तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही इस तरह की समस्या से कैसे हम खुद का बचाव कर सकते है;

क्या है बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन ?

  • यदि आपके जोड़ो में दर्द की समस्या ज्यादा बनी हुई है, तो समझ ले की आप बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन की समस्या से जूझ रहे है जिसे शार्ट कट में समझा जाए तो BJI भी कहा जाता है।
  • वही इस दौरान जोड़ों में असहनीय दर्द एवं सूजन की समस्या शुरू हो जाती है, जिससे इंफेक्शन की समस्या की भी शुरूआत होती है। बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन (BJI) होने पर मसल्स और बोन दोनों को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा अगर आपके द्वारा बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन का इलाज ठीक से ना करवाया जाए, तो जॉइन्ट डिसेबिलिटी या सेप्टिक शॉक का खतरा बढ़ सकता है।

अगर आप भी जोड़ों में दर्द की समस्या से जूझ रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना के बेस्ट ओर्थपेडीक का चयन करना चाहिए।

कारण क्या है बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन (BJI) के?

  • स्ट्रेप्टोकोकस के कारण।
  • स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया का कारण।
  • निसेनोरिया गोनोरेहिया का कारण।
  • स्टेप इंफेक्शन का होना भी इसके एक कारण में शामिल है।
  • बोरेलिया बर्गडॉर्फिरी का कारण।

किन लोगों में बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन (BJI) का खतरा सबसे अधिक रहता है !

  • जिन्होंने जॉइन्ट सर्जरी करवाई हो।
  • आर्टिफिशियल इम्प्लांट करवाया हो।
  • जिन्हे इम्यून सिस्टम से जुड़ी परेशानी हो।
  • जिन्हे गाउट की समस्या हो।
  • सोरायसिस या एक्जिमा की समस्या।
  • त्वचा का अत्यधिक पतला होना या घाव का लगना।
  • मसूड़ों से जुड़ी समस्या हो जिन्हे।
  • डायबिटीज मेलिटस की समस्या का सामना करने वाले।
  • यूरिनरी इंफेक्शन का सामना कर रहे लोग भी इस समस्या का सामना कर सकते है।

बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन के लक्षण क्या है ?

  • बॉडी का टेम्प्रेचर सामान्य से ज्यादा होना।
  • जोड़ों की त्वचा का रात के वक्त गर्म होना।
  • जोड़ों में दर्द का होना।
  • जोड़ों में सूजन की समस्या का होना।
  • भूख न लगना।
  • थकान महसूस करना।
  • वही युवाओं में दर्द की बात की जाए तो उनमे बाजुओं के जॉइन्ट्स में दर्द का होना।
  • पैरों के जोइंट्स में दर्द का होना।
  • घुटने में दर्द का होना।
  • पीठ और गर्दन में दर्द का महसूस होना।

बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन का इलाज कैसे किया जाता है ?  

इसके इलाज को अनुभवी डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है, जैसे ; 

  • अगर जोड़ों में दर्द की परेशानी आपको शुरुआती तौर पर है, तो ऐसे में डॉक्टर आपको ओरल एंटीबायोटिक मेडिसिन लेने की सलाह देते है।
  • अगर किसी व्यक्ति को बैक्टीरियल जॉइन्ट इन्फ्लेमेशन (BJI) की समस्या ज्यादा है, तो डॉक्टर ऐसे में पेशेंट के नसों में एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाते है। 
  • वहीं अगर आपको ये समस्या पूरानी है, तो आपको सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है।
  • अगर आप अपने जोड़ो में दर्द की समस्या की वजह से बहुत ज्यादा परेशान है तो इससे बचाव के लिए आपको इसके लक्षण शुरुआती दौर पर दिखाई देने पर ही हुंजन हॉस्पिटल के डॉक्टर का चयन करना चाहिए।

निष्कर्ष :

जोड़ों में दर्द की समस्या को व्यक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, क्युकि अगर हम इसके शुरुआती लक्षण नज़र आने पर इसका इलाज करवाते है तो हमें काफी फ़ायदा देखने को मिलता है और साथ ही हमे सर्जरी का भी सहारा नहीं लेना पड़ता और हम जोड़ों के दर्द की समस्या से खुद का बचाव आसानी से कर पाते है।