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Hindi hip replacement surgery

जानिए हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का चयन क्या आपके लिए फायदेमंद है या नहीं ?

हिप यानी कूल्हे को शरीर के एक खास अंग के रूप में जाना जाता है। इसमें किसी प्रकार की परेशानी होने पर मरीज को अपने दैनिक जीवन के कामों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हिप में कई जॉइंट्स है। जब सभी जॉइंट्स सही से काम करते है, तो हिप स्वस्थ होता है और अच्छी से कार्य करता है। वहीं हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी जिसको लेकर बहुत से लोगों के दिमाग में ये बात घूमती है की क्या इस सर्जरी का चयन करना सही होगा या फिर इसको करवाने से पहले किन बातों का पता हमे होना चाहिए आदि। तो इस सर्जरी को करवाने से पहले किन सावधानियों को बरते इस पर खास ध्यान दें ;

क्या है हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी ?

  • हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की बात करें तो ये एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो एक ऑर्थोपेडिक सर्जन के द्वारा पूरा किया जाता है। इस सर्जरी के दौरान सर्जन हिप यानी कूल्हे में हुए फ्रैक्चर और क्षतिग्रस्त जोड़ को प्रोस्थेटिक हिप के साथ बदल देते है। 
  • वहीं प्रोस्थेटिक हिप को प्रोस्थेसिस भी कहा जाता है। एक्सीडेंट या किसी प्रकार के तेज चोट के कारण कुल्हा फ्रैक्चर हो सकता है।
  • इसके अलावा, बुढ़ापे के कारण जब किसी व्यक्ति को उठने, बैठने, लेटने या दैनिक जीवन के कामों को करने में दर्द होता है, तो उसे कम करने के लिए इस सर्जरी का उपयोग किया जाता है। 
  • हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी एक बड़ी सर्जिकल प्रक्रिया है। इसका सुझाव केवल तभी दिया जाता है, जब दवाओं, फिजियोथेरेपी या स्टेरोइड इंजेक्शन से दर्द कम नहीं होता है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को कैसे किया जाता है ?

  • हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को शुरू करने से एक दिन पहले डॉक्टर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करते है। उसके बाद, डॉक्टर मरीज की जांच करते है। जांच के बाद एनेस्थीसिया दिया जाता है। सामान्य एनेस्थीसिया के बाद मरीज बेहोश हो जाते है, जबकि लोकल एनेस्थीसिया के बाद मरीज जगे हुए होते है, लेकिन उनके शरीर का वह हिस्सा सुन्न कर दिया जाता है, जिसकी सर्जरी करनी होती है।
  • उसके बाद, डॉक्टर सर्जरी की प्रक्रिया शुरू करते है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को दो तरह से किया जा सकता है। 
  • इसमें पहला ओपन सर्जरी यानि कन्वेंशनल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी है।  
  • और दूसरा मिनिमल इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी है।
  • वहीं कन्वेंशनल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान सर्जन मरीज के कुल की साइड पर एक 5 से 10 इंच लंबा चीरा लगाते है। फिर बीमारी से ग्रस्त या क्षतिग्रस्त जोड़ को बाहर निकाल कर उसकी जगह पर प्रोस्थेटिक हिप जॉइंट को जोड़ दिया जाता है।
  • तो मिनिमल इनवेसिव हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है। इस चीरे को विशेष रूप से तैयार किए गए उपकरण से लगाया जाता है। यह हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का सबसे सुरक्षित और सटीक तरीका है। इस सर्जरी के बाद मरीज को कम से कम दर्द की प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है।
  • सर्जरी खत्म होने के बाद मरीज को रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है, ताकि मरीज को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

अगर आपके हिप के जोड़ में किसी भी तरह की समस्या आ गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में सर्वश्रेष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन का चयन करना चाहिए।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को क्यों किया जाता है ?

  • घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए। 
  • सीढ़ियों को चढ़ने में परेशानी आने पर इस सर्जरी का चयन किया जाता है।
  • जोड़ों में अकड़न आने पर भी आप इस सर्जरी का चयन कर सकते है। 
  • बढ़ती उम्र के कारण होने वाली समस्याएं ज्यादा न बढ़े तो ऐसे में भी आप इस सर्जरी का चयन कर सकते है। 
  • कूल्हे के जोड़ के अंदर परिवर्तन आने पर भी आप इस सर्जरी का चयन कर सकते है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से पहले किन बातों का रखें खास ध्यान !

  • हिप बदलने की सर्जरी की कोई निर्धारित उम्र या इसका वजन से कोई मतलब नहीं होता है। डॉक्टर आपकी समस्या और स्वास्थ्य की स्थिति और जरूरत के आधार पर हिप रिप्लेसमेंट की सलाह दे सकते है। 
  • हिप रिप्लेसमेंट के मरीज आमतौर पर 50 से 80 साल की उम्र के बीच देखे जाते है, लेकिन ऑर्थोपेडिक सर्जन इस सर्जरी के लिए मरीजों की व्यक्तिगत स्थिति पर ज्यादा जोर देते है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के फायदे क्या है ?

  • इस सर्जरी का चयन अगर आप करते है, तो आप दर्द से राहत पा सकते है।   
  • इस सर्जरी की सफलता दर भी उच्च है। 
  • सर्जरी के बाद आप बेहतर ताकत और गतिशीलता का अनुभव करते है। 
  • लंबे समय तक चलने वाली सर्जरी मानी जाती है ये। 
  • जीवन की उन्नत गुणवत्ता के लिए मानी जाती है ये सर्जरी।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की जटिलताएं क्या देखने को मिलती है ?

  • सर्जरी के बाद आपके पैरों में खून के थक्के जम सकते है। 
  • कुछ मामलों में इस सर्जरी के बाद आपको संक्रमण होने का खतरा भी बन सकता है। 
  • फ्रैक्चर की समस्या भी हो सकती है। 
  • कुछ मामलों में हिप रिप्लेसमेंट के दौरान नए जोड़ की बॉल सॉकेट से बाहर आ जाते है, खासकर सर्जरी के बाद पहले कुछ महीनों में। 
  • पैर की लंबाई में बदलाव भी आ सकता है। 
  • इंप्लांट का ढीला होना। 
  • इस सर्जरी में नसों को क्षति भी पहुंच सकती है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद कैसे रखें खुद का ध्यान ?

  • किसी भी गतिविधि के दौरान अपने कूल्हे को 90° से अधिक झुकाने से बचें। 
  • अपने कूल्हे को मोड़ने से बचें। 
  • जब आप मुड़ें तो छोटे कदम उठाएं। 
  • प्रारंभिक अवस्था में घाव पर दबाव न डालें। 
  • अपने पैरों को एक दूसरे के ऊपर से पार न करें। 
  • अपने कूल्हे को मजबूर न करें या ऐसा कुछ भी न करें जिससे वह असहज महसूस करे। 
  • नीची कुर्सियों और शौचालय सीटों से बचें। 
  • गिरने से खुद को बचाए। 
  • सर्जरी को करवाने से पहले, अपने घर को पुनर्व्यवस्थित करें। अभी परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है ताकि जब आप अस्पताल से वापस आएँ तो सब कुछ तैयार हो जाए। और आपको किसी भी तरह की समस्या का सामना भी न करना पड़े।
  • सुनिश्चित करें कि आपके घर में वॉकर या बैसाखी के साथ घूमना आसान हो। ढीले गलीचे जैसे संभावित ट्रिपिंग खतरों को हटा दें। ये कुछ काम ऐसे है, जो आपको सर्जरी से पहले करने बहुत जरूरी है।

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की लागत क्या है ?

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की लागत 2 लाख 80 हजार रुपये से लेकर साढ़े 5 लाख 50 हजार रुपये तक हो सकती है। वहीं यह लागत इस पर भी निर्भर करती है कि आप किस शहर में, किस डॉक्टर से और किस संस्थान में अपना इलाज करा रहे है।

आप चाहे तो इस सर्जरी को किफायती दाम में हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है।

निष्कर्ष :

हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी का चयन करने से पहले आपको किन बातों का पता होना चाहिए, इसके बारे में हमने इस छोटे से लेख में प्रस्तुत किया है, तो इस सर्जरी का चयन करने से पहले अपने डॉक्टर से भी जरूर सलाह लें।