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भारत में आर्थोस्कोपिक और घुटना सर्जरी की मदद से जोड़ो के दर्द से पाए निजात !

घुटने के दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर बन चुकी है ये समस्या बजुर्गो पर ज्यादा गहन असर डालती है। तो वही एक उम्र के बाद इस समस्या को सभी झेलते जरूर से है। वही आज के इस लेख में हम बात करेंगे की घुटने के दर्द से कैसे निजात पा सकते है इसके अलावा आर्थोस्कोपिक या घुटना सर्जरी क्या है, इसके बारे में भी हम बात करेंगे ;

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या को हम निम्न में प्रस्तुत करेंगे ;

  • ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है।

  • इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो सकती है।

आर्थोस्कोपिक क्या है ?

ये भी जोड़ो में चोट लगने से जुडी हुई समस्या है, जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • यदि आपके जोड़ में सूजन है, जोड़ में चोट लगी है, या समय के साथ जोड़ क्षतिग्रस्त हो गया है, तो आपके डॉक्टर आपको आर्थोस्कोपिक करवाने की सलाह दे सकता है। इसके अलावा यदि आपके जोड़ो में परेशानी है तो आप किसी भी जोड़ पर आर्थ्रोस्कोपी करवा सकते हैं।

  • तो वही ये प्रक्रिया अधिकतर, घुटने, कंधे, कोहनी, टखने, कूल्हे, या कलाई पर किया जाता है।

यदि आप भी आर्थोस्कोपिक और घुटने की सर्जरी करवाना चाहते है तो हुंजन हॉस्पिटल से जल्द संपर्क करे।

घुटना सर्जरी क्या है ?

घुटना सर्जरी घुटने में दर्द से आराम मिल सके वो सर्जरी है, जिसका विवरण हम निम्न करेंगे ;

  • इस प्रक्रिया में पहले हड्डी के रोगग्रस्त व क्षतिग्रस्त हिस्से को पूरी तरह से हटाया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर धातु या उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक अवयव के द्वारा जोड़ों की सामान्य गतिविधियों के लायक आकार का निर्माण कर उन्हें प्रतिस्थापित करना शामिल है। इसी सर्जरी के दौरान घुटनों की दूसरी विकृतियों को भी दूर कर दिया जाता है।

  • इसके बाद सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है। फिर डॉक्टर के द्वारा जोड़ में कृत्रिम अंग लगाया जाता है। घुटने का कृत्रिम अंग मेटल और प्लास्टिक से बना होता है।

  • इन सब के बाद जो चीरा लगाया जाता है, उसको टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। इस ही प्रक्रिया को घुटना सर्जरी के नाम से जाना जाता है।

यदि आप भी घुटने के दर्द से निजात पाना चाहते है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का जल्द चयन करे।

घुटने की सर्जरी के बाद आपको अपना ध्यान कैसे रखना है ?

  • इस सर्जरी के बाद आप पहले महीने गतिशील कार्यो को करने में सक्षम होंगे।

  • इस सर्जरी के दूसरे महीने में गतिविधियों जैसे तैराकी, बाइकिंग और फिर से लंबी सैर शुरू करने की अनुमति दी जाती है।

  • इस सर्जरी के तीसरे महीने में आप शायद कुछ उच्चप्रभाव वाली शारीरिक गतिविधियों जैसे दौड़ना या अन्य गतिविधियों में वापस आ सकेंगे।

निष्कर्ष :

घुटने का दर्द काफी खतरनाक दर्द माना जाता है इसलिए अगर इनमे हल्की सी भी परेशानी आपको दिखे तो फौरन डॉक्टर का चयन करे। और इस समस्या से खुद को बाहर निकाले।