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भारत में आर्थोस्कोपिक और रोबोटिक ऑपरेशन कैसे दिलाएगा घुटने के दर्द से आराम ?

 घुटनों में दर्द का होना व्यक्ति में काफी परेशानियों को खड़ी कर देता है, वही इसका दर्द उसके चलने फिरने में रोक लगा देता है। वही ये दर्द व्यक्ति को क्यों होता है और अगर घुटने में दर्द की समस्या हो भी जाए तो व्यक्ति इससे कैसे खुद का बचाव कर सकता है या वो कौन-सी ऐसी सर्जरी है जिसकी मदद से व्यक्ति खुद को घुटने की समस्या से बचा सकता है इसके बारे में हम बात करेंगे, इसलिए अगर आप भी घुटने में दर्द की समस्या का सामना कर रहें है तो आज का आर्टिकल आपको इस दर्द से बाहर निकालने के उपाय के बारे में बताएगा ;

क्या है घुटना बदलने की सर्जरी ?

  • एक आर्थोपेडिस्ट हड्डियों से संबंधित समस्याओं के निदान और उपचार में माहिर होता है। यह हड्डियों और घुटनो में दर्द की समस्या का अच्छे से निदान करते है जिनमे शामिल है, जैसे ;
  • शारीरिक परीक्षण, जिसमें डॉक्टर घुटने के जोड़ों के दर्द, कार्य, लक्षण आदि का आकलन करते है।
  • स्थिति का कारण निर्धारित करने के लिए परिवार और चिकित्सा इतिहास की विस्तृत चर्चा करना।
  • डायग्नोस्टिक इमेजिंग टेस्ट जैसे कि एक्स-रे, एमआरआई आदि की सिफारिश की जाती है ताकि घुटने के जोड़ की शिथिलता का पता चल सके।
  • घुटने का ऑपरेशन यानी नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान घुटने के ख़राब हिस्से को प्रोस्थेटिक से बदला जाता है, मरीज के घुटने के क्षतिग्रस्त हिस्से का नाप लेकर। वही घुटने के ऑपरेशन की प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा जा सकता है।
  • जिसमे से पहले है, एनेस्थीसिया देना।
  • दूसरा क्षतिग्रस्त हिस्सों को प्रोस्थेटिक से बदलना।
  • डिस्चार्ज प्रक्रिया का होना आदि।

 

क्या है आर्थोस्कोपिक और रोबोटिक ऑपरेशन ?

  • आर्थोस्कोपिक आपके घुटने में दर्द और अन्य लक्षण चल रहे हैं तो आपका डॉक्टर आपको घुटने की आर्थोस्कोपी कराने की सलाह दे सकता है। यदि आपको पहले से ऑस्टियोआर्थराइटिस है तो घुटने की आर्थ्रोस्कोपी आपके घुटने के दर्द और जकड़न को बेहतर नहीं बना सकती है। आर्थोस्कोपिक सर्जरी आम तौर पर कंधे, कूल्हे, कलाई और घुटनो के लिए की जाती है।
  • वही रोबोटिक ऑपरेशन को भी बेहतरीन घुटना बदलने की सर्जरी मानी जाती है। इसके अलावा घुटने के दर्द को कम करने के लिए आप लुधियाना में बेस्ट स्पाइन सर्जन का चयन कर सकते है।

घुटने में दर्द की समस्या क्यों होती है ?

  • घुटनों में दर्द की समस्या तब होती है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण ये समस्या उत्पन होती है। इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने के दर्द का कारण हो सकता है।

घुटने की सर्जरी के लिए बेहतरीन हॉस्पिटल !

  • यदि आप भी घुटने में दर्द की समस्या से परेशान है तो इससे निजात पाने के लिए आपको हुंजन हॉस्पिटल का चयन करना चाहिए। वही आपको बता दे की इस हॉस्पिटल में घुटने की सर्जरी काफी अच्छे से की जाती है और इस हॉस्पिटल को घुटने की सर्जरी के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अगर आप भी घुटने में दर्द की समस्या से परेशान है तो इस सर्जरी का चयन हुंजन हॉस्पिटल से जरूर करें।

निष्कर्ष :

घुटने में सामान्य सी भी समस्या होने पर बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी उपचार न अपनाएं।

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Hindi Knee replacement

घुटना बदलने के क्या है कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके ?

घुटनों में दर्द की समस्या का उत्पन होना व्यक्ति के लिए काफी परेशानियां खड़ी कर सकता है इसके अलावा इस समस्या से या यू कहे इस दर्द से कैसे हम बाहर निकल सकते है। वही घुटनों में दर्द की समस्या का क्या है इलाज, लक्षण और कारण साथ ही हम इस समस्या से कैसे खुद को बाहर निकाल सकते है इसके बारे में बात करेंगे इसलिए आर्टिकल के साथ अंत तक जरूर से बने रहे। 

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • घुटने में दर्द की समस्या का उत्पन होना काफी खतरनाक मंजर है। 
  • तो वही घुटने की संधि में चार अस्थियों की संधि होती है, जैसे उर्वस्थि (फीमर), अन्तर्जंघिका (टिबिया), बहिर्जंघिका (फिबुला) और जानुका (पटेला)। घुटने में चार खानें होते हैं। वही बार-बार के तनाव, चोट या किसी रोग के कारण इन खानों को नुकसान पहुँच सकता है।
  • दूसरी और लम्बी दूरी तक दौड़ने से घुटनों के जोड़ में दर्द हो सकता है क्योंकि इससे घुटनों पर बहुत झटका लगता है।
  • मानव शरीर में पैर बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता हैं, ठीक वैसे ही उनके बीच में बने घुटने भी महत्वपूर्ण स्थान रखते है। घुटनों से ही पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। इसलिए इनका खास ध्यान रखना चाहिए।

घुटने में दर्द के कारण क्या है ?

  • लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट का लगना इसके कारणो में शामिल है।। 
  • टेन्टीनाइटिस, आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है। 
  • घिसा हुआ कार्टिलेज, घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है।

घुटने में दर्द की समस्या ने आपको भी परेशान कर रखा है तो इस दर्द से निजात पाने के लिए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का चुनाव जरूर से करें।

घुटने को बदलने के बाद क्या लक्षण दिखाई देते है ?

  • 100 एफ (37.8 सी) से ज्यादा बुखार का होना घुटने की सर्जरी के बाद।
  • ठंड या ठंड वाली जगह से कंपकपी का महसूस होना। 
  • सर्जरी वाली जगह से गंदे पानी का निकलना। 
  • घुटने में लालपन या कोमलता का बढ़ना। 

घुटना बदलने के उपचार क्या है ?

  • टोटल नी रिप्लेसमेंट में आपका सर्जन जांघ की हड्डी और पिंडली की हड्डी को जोड़ने वाली सतहों को बदल देता है। 
  • सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है। फिर डॉक्टर घुटने के जोड़ की क्षतिग्रस्त सतहों को हटाते है और जोड़ में कृत्रिम अंगो को लगाते है। तो वही घुटने का कृत्रिम अंग मेटल और प्लास्टिक से बना होता है। 
  • इसके बाद सर्जरी के दौरान जो चीरा लगाया जाता है उसे टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। 

घुटने की सर्जरी के बाद खुद का बचाव कैसे करें ?

  • आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कार्य। 
  • बर्फ लगाएं। पहले दिन प्रत्येक घंटे 15 मिनट लगाएं। पहले दिन के बाद प्रतिदिन कम से कम 4 बार जरूर लगाएं।

यदि आपके घुटने में ज्यादा परेशानी है तो इस परेशानी से निजात पाने के लिए इस सर्जरी को हुंजन हॉस्पिटल से करवाए।

निष्कर्ष :

यदि आपके घुटने में भी उपरोक्त लक्षण और कारण नज़र आ रहे है तो इसे नज़रअंदाज़ न करें बल्कि समय रहते किसी अच्छे डॉक्टर का चयन जरूर से करें।

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Back Pain back surgery

पीठ दर्द में आर्थोपेडिक देखभाल कैसे है जरूरी ?

पीठ में दर्द की वजह से व्यक्ति का कई बार चलना फिरना मुश्किल हो जाता है और कई लोग इससे निजात पाने के लिए हड्डियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर या आर्थोपेडिक के पास जाते है जिससे उन्हें पीठ दर्द की समस्या से कुछ समय के लिए राहत मिल जाता है। इसके अलावा पीठ में आर्थोपेडिक सर्जन की क्या भूमिका के बारे में बात करेंगे ;

कमर या पीठ दर्द क्या है ?

  • रीढ़ के निचले हिस्से पर हमारे शरीर का ज्यादातर वजन पड़ता है। जैसे- जब हम झुकते, मुड़ते या भारी वस्तु उठाते हैं तब भी सारा भार रीढ़ के निचले हिस्से पर पड़ता है।
  • दूसरी और जब हम एक स्थान पर ज्यादा समय बैठते हैं तब भी भार उसी स्थान पर पड़ता है। इन सब कारणों से हमारी रीढ़ को सहारा देने वाली मांसपेशियां, टिश्यू तथा लिंगामेंटस पर बार-बार दबाव पड़ता है। इस तरह की इंजरी को स्ट्रेस इंजरी कहते हैं। 

कमर या पीठ में दर्द की समस्या कई बार हमारे घुटनों पर भी आ जाती है क्युकि शरीर का पूरा भार हमारे घुटनो पर भी पड़ता है, तो ऐसे में अगर आपको घुटने में दर्द की समस्या है तो इसके लिए आप घुटना बदलना की सर्जरी का चयन भी कर सकते है। 

कमर दर्द के क्या कारण है ?

  • तनाव को कमर दर्द का कारण माना जाता है। क्युकि जब हम तनाव में होते हैं तो हमारी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं।
  • नए-नए फ़ोन तकनीकों का घंटो एक जगह पर बैठ कर इस्तेमाल करने से कमर दर्द की समस्या होती है। 
  • सम्पूर्ण शरीर के मांसपेशियों का तालमेल बिगड़ना भी कमर दर्द की समस्या को उत्पन कर सकता है। 
  • रीढ़ की हड्डी के बीच के डिस्क रीढ़ की समस्या। 
  • गंभीर बीमारी को भी कमर दर्द के कारणों में गिना जाता है। 

यदि आपकी रीढ़ की हड्डी या कमर में दर्द है तो इसके लिए आप पंजाब में आर्थोपेडिक सर्जन का चयन कर सकते है।

कमर दर्द का अधिक खतरा किसे है ?

  • वही जिन्हे कमर में चोट लगी हो तो उन्हें भी कमर दर्द का खतरा अधिक रहता है।
  • आमतौर पर कमर दर्द की समस्या बढ़ती उम्र, शरीर में विटामिन-डी की कमी, गलत मुद्रा में घंटों बैठने, गलत ढंग से सोने जैसी वजहों से होती है। एक उम्र के बाद हड्डियों के बढ़ने, हड्डियों के कमजोर पड़ने और खिंचाव जैसी दिक्कतें स्वाभाविक हो जाती हैं। 

कमर दर्द के लिए कौन सा इलाज बेहतरीन है ?

  • गर्म व ठंडे पानी की सिकाई को कमर दर्द का बेहतरीन इलाज माना जाता है। 
  • नारियल तेल से कमर में दर्द वाली जगह पर मालिश करना भी एक बेहतरीन इलाज है कमर दर्द का। 
  • यदि आपका स्टे कंप्यूटर वर्क है, तो आपको हर एक घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। 
  • अपनी पोस्चर को ठीक करें। 
  • कैल्शियम से भरपूर डाइट का सेवन करे। 
  • कुछ भी प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले।
  • इसके अलावा अगर आपका कमर दर्द गंभीर है तो इसके लिए डॉक्टर आपको सर्जरी करवाने की सलाह भी दे सकते है। 

आपको भी अगर कमर व पीठ और घुटने में दर्द की समस्या ने परेशान कर रखा तो ऐसे में आपको हुंजन हॉस्पिटल से इस समस्या का हल आसानी से मिल सकता है। क्युकी अगर कोई ज्यादा पीड़ित है कमर दर्द की समस्या से तो डॉक्टर उनको दर्द से निकालने के लिए सर्जरी का चयन करते है।

निष्कर्ष :

किसी भी सर्जरी या उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले।

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भारत में किफायती दामों में करवाए घुटने की सर्जरी !

घुटने में दर्द की समस्या का होना व्यक्ति के लिए काफी परेशानी खड़ी करता है। इसलिए समय पर इसका इलाज करवाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा घुटने में दर्द की समस्या को ख़त्म करने के लिए घुटने के रिप्लेसमेंट सर्जरी की लागत क्या लगती है और इसको कैसे करवाया जाता है, इसके बारे में हम चर्चा करेंगे ;

घुटना बदलने की सर्जरी का क्या है पूरा खर्चा ?

  • भारत में घुटने की प्रतिस्थापन बेहतर गुणवत्ता का है और इसकी लागत दुनिया में सबसे कम है। भारत के अस्पतालों में डॉक्टरों और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और सुविधाओं का अनुभव है जो आपको एक संतोषजनक घुटने के प्रतिस्थापन के साथ प्रदान करेगा। भारत में लागत प्रभावी उपचार के कारण, दुनिया भर के लोग यहां अपना इलाज करवाते हैं। 
  • भारत में, लोगों को अपनी बारी का इंतजार नहीं करना पड़ता। इसके बजाय, जब भी उन्हें ज़रूरत हो, वे अपनी सर्जरी करवा सकते हैं। व्यक्तिगत देखभाल, कुशल सर्जरी, स्वच्छ अस्पताल और छिपे हुए शुल्क और मध्यस्थों की कमी अन्य महत्वपूर्ण कारक हैं जो दुनिया भर के रोगियों को भारत में चिकित्सा उपचार के लिए आकर्षित करते हैं।
  • भारत में घुटने सर्जरी की बात करें तो घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी की औसत लागत आमतौर पर ₹1.5 लाख से ₹2.3 लाख के बीच होती है।
  • इस उपचार के दौरान रोगी को लगभग 5 दिनों के लिए अस्पताल में रहना पड़ता है और पैकेज में चिकित्सा परीक्षण, सर्जरी शुल्क, प्रत्यारोपण लागत, कमरे का किराया और दवाएं भी शामिल हैं।

क्या है घुटना बदलने की सर्जरी ?

  • घुटना प्रत्यारोपण एक ऐसी सर्जरी है जो घुटने के जोड़ के क्षतिग्रस्त, या खराब हो चुके या रोगग्रस्त हिस्सों को हटा देती है और इसे एक कृत्रिम घुटने के जोड़ से बदल देती है जो धातु, प्लास्टिक या सिरेमिक घटकों से बनी होती है। इस प्रक्रिया के नाम के विपरीत, ऑर्थोपेडिक सर्जन घुटने के प्रतिस्थापन के दौरान पूरे घुटने के जोड़ को नहीं बदलता।
  • नी रिप्लेसमेंट सर्जरी या रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी के बाद घुटने कम-से-कम 10 से 15 साल तक चलते हैं और यदि आप संतुलित आहार और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो 20 साल या उससे अधिक समय तक घुटने आराम से चल सकते हैं। 
  • घुटने की सर्जरी को घुटने के आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है, यह एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति को पुराने घुटने के दर्द और जकड़न से राहत दिलवाती है और उन्हें बेहतर महसूस करने और घुटने के दर्द के बिना शारीरिक रूप से सक्रिय रहने में भी मदद करती है।
  • नी रिप्लेसमेंट के बाद, आपको घुटने के नए जोड़ में हल्का दर्द और अकड़न हो सकती है। फिर भी, दवाएं और फिजियोथेरेपी जो अक्सर सर्जरी के एक दिन बाद शुरू होती हैं, उसे आपको नियमित रूप से प्रयोग में लेना है। 

सुझाव :

खर्चा कितना आता है घुटने की सर्जरी को बदलने में ये तो आपने उपरोक्त जान ही लिया है। इसके अलावा उपरोक्त लागत को ध्यान में रखते हुए ही आप अपने घुटने की सर्जरी का चयन किसी अच्छे हॉस्पिटल से करें। या फिर आप इस सर्जरी को किफायती दाम में हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है।  

 

 

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आर्थ्रोस्कोपी की मदद से घुटने में दर्द की समस्या का होगा हल !

घुटने में दर्द की समस्या से व्यक्ति काफी परेशान रहता है। परेशानी हो भी क्यों न अगर कोई व्यक्ति सही तरीके से न चल पाए तो सभी परेशान होते है। इसके अलावा दूसरी परेशानी की बात करे तो वो है सर्जरी के दौरान चिड़े की, क्युकी बहुत से लोगों को सर्जरी से इतना डर नहीं लगता जितना वो चिड़े से डरते है।

पर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्युकि आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी में व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी और नामात्र चीड़-फाड़ की मदद से बेहतरीन सर्जन इस सर्जरी की मदद से इलाज करते है ;

क्या है घुटने की आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी ?

  • आर्थ्रोस्कोपी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो अनुभवी डॉक्टरों को जोड़ों और आसपास के क्षेत्र की समस्याओं की जांच, निदान और उपचार करने की अनुमति देती है। 
  • घुटने की आर्थ्रोस्कोपी में, आर्थोपेडिक सर्जन बिना कोई बड़ा चीरा लगाए आपके घुटने के जोड़ को देख सकता है और विभिन्न घुटने की संयुक्त स्थितियों का निदान, उपचार और मरम्मत कर सकता है जो संयुक्त या गतिशीलता संबंधी कठिनाइयों का कारण हो सकती है।
  • आम तौर पर इस सर्जरी की बात करे तो ये कंधे, कूल्हे, कलाई, कोहनी और घुटने आदि के जोड़ पर की जाती है।

यदि उठने, बैठने और चलने, फिरने में आपको भी परेशानी होती है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का चयन करे।

क्या आर्थ्रोस्कोपी घुटने की सर्जरी दर्दनाक है ?

  • आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। क्योंकि इस सर्जरी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में पूरा किया जाता है।
  • इसके अलावा किसी भी तरह की सर्जरी में दर्द का होना एक आम बात है। ज्यादातर उस क्षेत्र में जहां आपको सर्जरी से पहले दर्द हुआ था, घुटने की टोपी के नीचे के नरम ऊतकों में, एथ्रोस्कोपी घावों पर और कभी-कभी पूरे घुटने पर असर छोड़ती है।

आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी को कैसे किया जाता है ?

  • इसमें रोगी के घुटने में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और उसमें आर्थ्रोस्कोप को डाल दिया जाता है।
  • जोड़ के अन्य भागों को देखने या अन्य उपकरणों को प्रत्यारोपित करने के लिए विभिन्न चीरों की आवश्यकता भी कई बार हो सकती है।
  • र्थ्रोस्कोप के अंत में, प्रकाश को फाइबर ऑप्टिक्स के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है।
  • इसके अलावा इसमें एक मॉनिटर जोड़ के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
  • यदि आवश्यक हो, तो प्रारंभिक निदान प्रक्रिया के दौरान सुधारात्मक सर्जरी की जा सकती है।
  • इन सब प्रक्रिआओं के बाद चीरों को पट्टियों या ड्रेसिंग से ढका जा सकता है।

सुझाव :

यदि आपको भी घुटने में दर्द की समस्या है या आप भी चलने-फिरने में असमर्थ है तो ज्यादा नुकसान होने से पहले हुंजन हॉस्पिटल से आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन जरूर से करे। इसके अलावा बात करे इस हॉस्पिटल की तो यहाँ पर घुटने की सर्जरी के लिए एक बेहतरीन रोबोट मशीन भी है जिसकी मदद से सर्जरी को बहुत ही आसान तरीके से किया जाता है।

तो वही खास बात इस हॉस्पिटल की करे तो यहाँ के डॉक्टर, यानी की डॉ बलवंत सिंह हुंजन को घुटना रिप्लेसमेंट सर्जरी का काफी सालो का अनुभव भी है।

निष्कर्ष :

उपरोक्त बातो को ध्यान में रख के आप आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी का चयन करे और घुटने के दर्द की समस्या से खुद का बचाव करे। पर घुटने की सर्जरी के दौरान कोई भी स्टेप उठाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले।    

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भारत में आर्थोस्कोपिक और घुटना सर्जरी की मदद से जोड़ो के दर्द से पाए निजात !

घुटने के दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर बन चुकी है ये समस्या बजुर्गो पर ज्यादा गहन असर डालती है। तो वही एक उम्र के बाद इस समस्या को सभी झेलते जरूर से है। वही आज के इस लेख में हम बात करेंगे की घुटने के दर्द से कैसे निजात पा सकते है इसके अलावा आर्थोस्कोपिक या घुटना सर्जरी क्या है, इसके बारे में भी हम बात करेंगे ;

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या को हम निम्न में प्रस्तुत करेंगे ;

  • ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है।

  • इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो सकती है।

आर्थोस्कोपिक क्या है ?

ये भी जोड़ो में चोट लगने से जुडी हुई समस्या है, जिसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • यदि आपके जोड़ में सूजन है, जोड़ में चोट लगी है, या समय के साथ जोड़ क्षतिग्रस्त हो गया है, तो आपके डॉक्टर आपको आर्थोस्कोपिक करवाने की सलाह दे सकता है। इसके अलावा यदि आपके जोड़ो में परेशानी है तो आप किसी भी जोड़ पर आर्थ्रोस्कोपी करवा सकते हैं।

  • तो वही ये प्रक्रिया अधिकतर, घुटने, कंधे, कोहनी, टखने, कूल्हे, या कलाई पर किया जाता है।

यदि आप भी आर्थोस्कोपिक और घुटने की सर्जरी करवाना चाहते है तो हुंजन हॉस्पिटल से जल्द संपर्क करे।

घुटना सर्जरी क्या है ?

घुटना सर्जरी घुटने में दर्द से आराम मिल सके वो सर्जरी है, जिसका विवरण हम निम्न करेंगे ;

  • इस प्रक्रिया में पहले हड्डी के रोगग्रस्त व क्षतिग्रस्त हिस्से को पूरी तरह से हटाया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर धातु या उच्च घनत्व वाले प्लास्टिक अवयव के द्वारा जोड़ों की सामान्य गतिविधियों के लायक आकार का निर्माण कर उन्हें प्रतिस्थापित करना शामिल है। इसी सर्जरी के दौरान घुटनों की दूसरी विकृतियों को भी दूर कर दिया जाता है।

  • इसके बाद सर्जरी से पहले सभी जरूरी कामों को करने के बाद डॉक्टर घुटने के हिसे में एक चीरा लगाते है। फिर डॉक्टर के द्वारा जोड़ में कृत्रिम अंग लगाया जाता है। घुटने का कृत्रिम अंग मेटल और प्लास्टिक से बना होता है।

  • इन सब के बाद जो चीरा लगाया जाता है, उसको टांके या सर्जिकल स्टेपल से बंद कर दिया जाता है। इस ही प्रक्रिया को घुटना सर्जरी के नाम से जाना जाता है।

यदि आप भी घुटने के दर्द से निजात पाना चाहते है तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का जल्द चयन करे।

घुटने की सर्जरी के बाद आपको अपना ध्यान कैसे रखना है ?

  • इस सर्जरी के बाद आप पहले महीने गतिशील कार्यो को करने में सक्षम होंगे।

  • इस सर्जरी के दूसरे महीने में गतिविधियों जैसे तैराकी, बाइकिंग और फिर से लंबी सैर शुरू करने की अनुमति दी जाती है।

  • इस सर्जरी के तीसरे महीने में आप शायद कुछ उच्चप्रभाव वाली शारीरिक गतिविधियों जैसे दौड़ना या अन्य गतिविधियों में वापस आ सकेंगे।

निष्कर्ष :

घुटने का दर्द काफी खतरनाक दर्द माना जाता है इसलिए अगर इनमे हल्की सी भी परेशानी आपको दिखे तो फौरन डॉक्टर का चयन करे। और इस समस्या से खुद को बाहर निकाले।

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हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत होगी कम, नया इलाज लेकर आया चमत्कार

हड्डी के टूटने या टूटने के बाद इसकी मरम्मत के लिए प्लास्टर का इस्तेमाल अभी तक आम था। लेकिन अब एक नया और चमत्कारिक इलाज उपलब्ध हो गया है जिसके बारे में हम इस लेख में चर्चा करेंगे। हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत अब कम हो सकती है, क्योंकि एक नया चमत्कारिक इलाज आया है जो हड्डी की गुट्ठी और मरोड़ से स्वतः ठीक होने की क्षमता रखता है। यह नया इलाज विशेषज्ञ हड्डियों के डॉक्टर और रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी के रूप में जाना जाता है। यह तकनीक अत्यंत सुरक्षित, तेजी से और पूर्णतः नवीनतम तकनीकी प्रगति है जो हड्डी के इलाज में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाई है।

हड्डी रोगों के डॉक्टर: नवीनतम तकनीक का परिचय

यह नया इलाज डॉक्टर और रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी द्वारा प्रदान किया जाता है। यह तकनीक विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अभिज्ञापक रूप से अपनाई जाती है और यह उच्चतम स्तर की प्रेसीजन और नियंत्रण के साथ काम करती है। इसका उपयोग विभिन्न हड्डी रोगों और चोटों के इलाज में किया जा सकता है।

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी: विस्तार से जानें

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी एक प्राकृतिक और इंटूइटिव तकनीक है जो अत्यधिक सूक्ष्मता और नियंत्रण के साथ काम करती है। इस तकनीक में, एक रोबोटिक आर्म की मदद से चिकित्सक एक चीज बदलते हैं, जो इंसानी हाथ से अधिक संगत और सुरक्षित होती है। यह सर्जरी नये हड्डी का निर्माण करने और टूटी हुई हड्डी को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसका फायदा यह है कि यह सर्जरी सामान्य प्लास्टर के मुकाबले अधिक प्राकृतिक और सुखद होती है।

रोबोटिक घुटना बदलने की सर्जरी के लाभ

यह नवीनतम तकनीक हड्डी के इलाज में कई लाभ प्रदान करती है। प्रमुख लाभों में शामिल हैं:

  1. अधिक सूक्ष्म और सटीक हड्डी मरम्मत का तरीका
  2. सर्जरी का कम समय और आरामदायक रिकवरी काल
  3. ज्यादा उच्चतम स्तर का सुरक्षा और नियंत्रण
  4. परंपरागत प्लास्टर की तुलना में अधिक प्राकृतिक और सुखद अनुभव
  5. सर्जरी के बाद अधिक दक्षिण और स्वतंत्रता की संभावना

हड्डी रोगों के डॉक्टर: विशेषज्ञों की सलाह

हड्डियों के इलाज में नवीनतम तकनीक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप बेस्ट डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। वे आपकी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और आपको सबसे अच्छा सलाह और इलाज प्रदान करेंगे।

संक्षेपण:

रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी एक चमत्कारिक और नवीनतम तकनीक है जो हड्डी के इलाज में एक बदलाव लाई है। यह तकनीक प्लास्टर की जरूरत को कम करती है और पेशेंट को तेजी से और पूर्णतः नवीनतम तकनीकी प्रगति के साथ मरम्मत करने की सुविधा प्रदान करती है। अगर आपको हड्डी समस्या है तो बेस्ट डॉक्टर से सलाह लें और उचित इलाज प्राप्त करें। हड्डी के लिए प्लास्टर की जरूरत को कम करने के लिए, चमत्कारी नया इलाज लेकर आए है Hunjan Hospital वह अपने नवाचारी इलाज पद्धतियों के माध्यम से हड्डी के लिए विशेष औषधियों का प्रयोग करते हैं, जो चमत्कारिक परिणाम देने की संभावना प्रदान करती हैं। आपकी स्वास्थ्य और सुख के लिए आपकी मरम्मत के लिए नवीनतम और सुरक्षित तकनीकों का उपयोग करें।

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किन गलत आदतों ने घुटने को बदलने पर किया मजबूर ?

गलत खानपान की वजह से हड़िया कमजोर हो जाती है, जिसके कारण घुटने में दर्द व अन्य समस्या निकल कर सामने आती है। इसके इलावा घुटने में दर्द की समस्या की बात करे तो ये पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा अपना शिकार बना रही है। इसके इलावा बच्चो में भी ये समस्या निकल कर सामने आ रही है, इनमे ये समस्या क्यों आती है, या घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए हमे किन बातो का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • घुटने में दर्द की स्थिति तब उत्पन होती है, जब घुटने में चोट, यांत्रिक समस्या और गठिया हो। चोट के कारण घुटने में अत्यधिक दर्द होता है। जिस कारण कई बार घुटने को बदलवाने की स्थिति भी उत्पन हो जाती है।

  • इसके इलावा गलत खानपान व गलत ढंग से बैठने की वजह से भी इसमें दर्द की स्थिति पैदा हो जाती है।

  • अत्यधिक मोटापा भी नुकसानदायक है।

  • घुटने में दर्द की समस्या घुटने की आर्थराइटिस शारीरिक विकलांगता के प्रमुख कारण में शामिल है

घुटने में दर्द की समस्या किस कमी की वजह से होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए हमे निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिए ;

  • विटामिन डी महत्वपूर्ण स्त्रोत है, हमारे शरीर व घुटनो के लिए इसलिए आपको घुटने में दर्द की समस्या है तो भरपूर धूप व विटामिन डी से भरपूर भोजन का जरूर से सेवन करे।

  • ज्यादा फ़ास्ट फ़ूड खाने से भी हमारे घुटनो में दर्द की समस्या हो जाती है। इसलिए जितना हो सके संतुलित आहार व हरी सब्जियों का खाने में इस्तेमाल करे।

  • यदि आप इन बातो को ध्यान में नहीं रखते तो आपको नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने की जरूरत पड़ती है।

घुटने में दर्द से बचाव के लिए कौन से तरीके है सहायक ?

अनुभवी डॉक्टरों का कहना है कि घुटने में दर्द से निजात पाने के लिए व्यक्ति को खुद से ही सुचारु होना चाहिए। इसके इलावा कौन से तरीके असरदार है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • पैर मोड़ कर नहीं बैठना चाहिए। क्युकि ऐसे पोस्चर में बैठने से घुटने घिसने लगते है, जिस कारण कुछ ही दिनों में घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

  • दूसरा ज्यादा खड़े होकर करने वाले काम को न करे।

  • जितना कम हो सके उतना अपने घुटने से काम ले।

  • भारतीय शौचालयों का बहुत कम ही इस्तेमाल करे।

  • घुटने की एक्सरसाइज करे। और मौसमी फलों व दूध दही को आहार में शामिल करे।

घुटने में दर्द की समस्या की शुरुआत किस उम्र से होती है ?

घुटने में दर्द की समस्या की शुरुआत की बात करे, तो महिलाओं में इसकी शुरुआत 50 की उम्र से शुरू होती है। तो वही पुरुषो में 60 की उम्र से घुटने में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

सुझाव :

यदि घुटने के दर्द ने आपका चलना फिरना मुश्किल कर रखा है, तो हुंजन हॉस्पिटल से आपको नी रिप्लेसमेंट की सर्जरी को करवा लेना चाहिए। क्युकि काफी लोगो ने इस सर्जरी का चुनाव करके घुटने के दर्द से निजात पाया है

निष्कर्ष :

घुटने के दर्द से निजात पाने के लिए आपको उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखना है और घुटने में दर्द की समस्या होने पर किसी भी तरह के ट्रीटमेंट की शुरुआत खुद से नहीं करनी है।

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हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात पाने के जानें, चमत्कार तरीके ?

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या आज के समय में काफी गंभीर समस्या बनी हुई है। जिसका सामना तक़रीबन हर उम्र के लोग कर रहे है। इस दर्द की वजह से कई बार लोगों का चलना, खड़े होना काफी मुश्किल हो जाता है। तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में बात करेंगे की कैसे हम इस दर्द से आसानी से निजात पा सकते है।

ऑर्थोपेडिक्स कौन होते है ?

ऑर्थोपेडिक्स कौन है, इनके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • ऑर्थोपेडिक्स में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्ति को ऑर्थोपेडिस्ट यानी हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं, जैसे कि स्पोर्ट इंजरी, जोड़ों में दर्द और गठिया का इलाज करने के लिए सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरीकों का उपयोग करते हैं।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है ?

  • बता दे की हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या के अनेक कारण है, जैसे कि चोट, संक्रमण या बीमारी के कारण जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। जोड़ों में दर्द होने पर आपका चलना, फिरना, उठना, बैठना या दैनिक जीवन के कामों को करना मुश्किल हो सकता है।
  • वही विटामिन डी की कमी से भी हड्डियों और जोड़ो में दर्द में दर्द की समस्या उत्पन हो जाती है।

आपको भी अगर हड्डियों और जोड़ों के दर्द ने अपनी मुठी में कस कर रखा है, तो बिना देर किए रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी को करवाए और इसके दर्द से निजात पाए।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द से निजात पाने के तरीके क्या है ?

 

इसके तरीके निम्नलिखित है ;

  • एप्सम सॉल्ट का इस्तेमाल आप कर सकते है क्युकि इसमें मैग्नेशियम होता है। जो कि सूजन की समस्या से निजात दिलवाता है।
  • आप मेथी दाना भी इसके उपचार में इस्तेमाल कर सकते है। बस आपको करना ये है कि आपको मेथी दाना रात भर भिगो देना है और सुबह इसके पानी को पी जाना है, और इसके दाने का पेस्ट बना कर अपने दर्द वाली जगह पर आपको लगाना है।
  • जोड़ों का दर्द होने पर आपको लहसुन के तेल से मालिश करना चाहिए। और इसको बनाने के तरीके की बात करे तो इसमें आपको 3 से 4 लहसुन की कलियां लेनी है और सरसो के तेल में डाल कर उसको हल्का भूरा होने तक गर्म करना है। फिर हल्के हाथो से दर्द वाली जगह पर लगाना है।
  • हल्दी भी काफी सहायक है, हड्डियों और जोड़ों के दर्द से निजात दिलवाने में। इसको बनाने के तरीके की अगर बात करे। तो आपको एक कप दूध में एक चम्मच हल्दी, ग्राइंड किया हुआ अदरक, एक चुटकी काली मिर्च और स्वाद के हिसाब से आप शहद मिला सकते है।
  • जैतून का तेल जोड़ो के दर्द से निजात दिलवाता है, बस आपको दिन में दो बार जैतून के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करना है।

यदि आपको जल्दी दर्द से राहत चाहिए, तो उपरोक्त बातो के साथ हुंजन हॉस्पिटल से सर्जरी करवाने के बारे में भी सोच सकते हो।

निष्कर्ष :

दर्द कोई भी हो चाहे वो जोड़ों से जुड़ा हुआ हो या सम्पूर्ण शरीर का दर्द हो, इससे निजात सभी पाना चाहते है। क्युकि बाद में ये छोटा सा दर्द खतरनाक दर्द की जगह को ले लेता है। इसलिए समय रहते इस दर्द से निजात पाने की कोशिश करे और उपरोक्त बातो का खास ध्यान रखे।

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घुटने के ऑपरेशन के तरीके को अपनाकर आप भी पाए इसके दर्द से आराम !

घुटने में दर्द की समस्या क्यों उत्पन होती है, हम इसके बारे में आज के लेखन में बात करेंगे और साथ ही ये बात भी करेंगे कि हम इससे निजात कैसे पा सकते है। क्युकि घुटने का दर्द बहुत ही दर्दनाक और असहनीय होता है।

घुटने की सर्जरी क्या है ?

घुटने की सर्जरी वह सर्जरी है, जिसको करवाने के बाद आप इसके दर्द से निजात पा सकते है। इसके इलावा घुटने की सर्जरी और क्या है, इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे;

  • नी रिप्लेसमेंट, जिसे टोटल नी रिप्लेसमेंट या नी आर्थ्रोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है, एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन हड्डियों की क्षतिग्रस्त सतहों को बदल देते हैं। जो एक कृत्रिम सामग्री या इम्प्लांट के साथ घुटने के जोड़ को बनाते हैं। 
  • यह गठिया, आघात या चोट के मामलों में घुटने के कार्य में भी सुधार कर सकता है। घुटने की सर्जरी में जिस इम्प्लांट का उपयोग किया जाता है, वो जोड़ मुख्य रूप से धातु मिश्र धातु, उच्च ग्रेड प्लास्टिक और पॉलिमर से बना होता है। 

यदि आप घुटने के दर्द से परेशान है और घुटने की सर्जरी को करवाना चाहते है, तो रोबोटिक घुटना बदलना की सर्जरी का उपचार जरूर करवाए।

घुटने की सर्जरी के प्रकार क्या है ?

घुटने की सर्जरी मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है ;

  • कुल घुटने के प्रतिस्थापन ऑपरेशन, में आपकी जांघ की हड्डी (फीमर) के अंत में संयुक्त सतह और आपकी पिंडली की हड्डी (टिबिया) के शीर्ष पर संयुक्त सतह को बदलना शामिल है।
  • एकल-विभागीय घुटने के प्रतिस्थापन सर्जरी में यदि गठिया आपके घुटने के केवल एक तरफ को प्रभावित करता है, तो आमतौर पर भीतरी तरफ का आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन संभव हो सकता है।
  • नीकैप रिप्लेसमेंट प्रतिस्थापन में केवल घुटने की टोपी की निचली सतह और उसके खांचे (ट्रोक्लीअ) को बदलना शामिल है।
  • जटिल या पुनरीक्षण घुटना बदलने वाली सर्जरी, की जरूरत तब होती है। जब आपका गठिया बहुत गंभीर है।

घुटने की सर्जरी से पहले क्या किया जाता है ?

घुटने की सर्जरी से पहले डॉक्टर मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री को जरूर देखते है।

  • इस सर्जरी के आठ घंटे पहले मरीज़ का खाना बंद कर दिया जाता है। 
  • शारीरिक परीक्षण करना जिसमे ब्लड टेस्ट और एक्सरे शामिल होते है। 
  • ऑपरेशन से पहले मरीज़ का शरीर अनुकूल रहे, इसके लिए डॉक्टर व्यायाम करने की सलाह देते है।  

घुटने की सर्जरी कैसे की जाती है ?

घुटने की सर्जरी को डॉक्टरों के द्वारा निम्न तरीके से किया जाता है ;

  • मरीज को एंट्रावेनिय्स लाइन को लगाना ताकि मरीज को मुश्किल ना हो।
  • इसके बाद त्वचा या घुटने के स्किन को शेव करना। 
  • फिर घुटने की सर्ज़री को करने से पहले व्यक्ति को दर्द न हो, इसके लिए मरीज को एनेस्थीसिया की दवाई दी जाती है। 
  • इसके बाद डॉक्टर घुटने के सामने वाले हिस्से पर कट लगाते है। 
  • इसमें जोड़ के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है। 
  • जब घुटने के प्रस्तावित अंगो को हटा दिया जाता है, तो उसके बाद कृत्रिम जोड़ आर्टिफीसियल इम्प्लांट का प्रत्यारोपण किया जाता है।

आप भी घुटने के दर्द से परेशान है तो जल्दी ही इसका उपचार करवाए या आप इसका उपचार हुंजन हॉस्पिटल से भी करवा सकते है। 

निष्कर्ष :

यदि घुटने के दर्द की वजह से आपका चलना फिरना मुश्किल हो रहा है, तो इस दर्द में रहने से अच्छा है कि आप समय पर इसकी सर्जरी का चुनाव करे।